e0a485e0a482e0a4a1e0a4aee0a4bee0a4a8 e0a4a8e0a4bfe0a495e0a58be0a4ace0a4bee0a4b0 e0a4a6e0a58de0a4b5e0a580e0a4aa e0a4b8e0a4aee0a582
e0a485e0a482e0a4a1e0a4aee0a4bee0a4a8 e0a4a8e0a4bfe0a495e0a58be0a4ace0a4bee0a4b0 e0a4a6e0a58de0a4b5e0a580e0a4aa e0a4b8e0a4aee0a582 1

पोर्टब्लेयर: अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (Andaman and Nicobar Island) में गुरुवार तड़के भूकंप के झटके महसूस किए गए. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Center for Seismology) के मुताबिक, अंडमान और निकोबार द्वीप के पोर्टब्लेयर से 253 किमी दक्षिण-पूर्व में 10 नवंबर की सुबह लगभग 2:29 बजे 4.3 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप की गहराई जमीन से 10 किमी नीचे थी. हालांकि, इस भूकंप से किसी तरह के कोई नुकसान की खबर नहीं है. इससे पहले गत 2 और 3 सितंबर को भी अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिनकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता क्रमश: 4.9 और 4.4 मापी गई थी. एक दिन पहले ही 9 नवंबर की सुबह 1:58 बजे के करीब दिल्ली-NCR समेत पूरे उत्तर भारत में 10 सेकेंड तक भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.3 मापी गई, जिसका नेपाल रहा. इसकी गहराई जमीन से 10 किमी नीचे थी.

नेपाल में भूकंप के कारण हुए अलग-अलग हादसों में 6 लोगों की मौत हो गई. भूकंप आने की मुख्य वजह धरती के अंदर टेक्टॉनिक प्लेटों का खिसकना या एक दूसरे से टकरना है. धरती के भीतर सात टेक्टॉनिक प्लेटों प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं. जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं. सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं. इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप कहते हैं. रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और इसके झटके महसूस नहीं किए जाते. एक रिपोर्ट के मुताबिक माइक्रो कैटेगरी के 8000 से ज्यादा भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज होते हैं.

READ More...  विश्व व्यापार संगठन की बैठक में कई अहम मुद्दों पर सहमति, भारत ने मजबूती से रखा अपना रूख- सूत्र

इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है. ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं. इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते. वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं. इन्हें महसूस तो किया जाता है, लेकिन नुकसान नहीं पहुंचता. लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं. इन झटकों को महसूस किया जाता है. हालांकि इनसे भी न के बराबर नुकसान होता है. रिक्टर स्केल पर 4.9 से ज्यादा तीव्रता वाले भूकंप खतरनाक होते हैं और इनके आने से अधिकतर बार तबाही मचती है. यह इस बात पर निर्भर करता है कि भूकंप का केंद्र कहां रहता है.

Tags: Earthquake, Earthquake News, Tremors

Article Credite: Original Source(, All rights reserve)