e0a485e0a49ae0a4b2e0a4be e0a4b8e0a4aae0a58de0a4a4e0a4aee0a580 e0a4aae0a4b0 e0a495e0a4b0e0a587e0a482 4 e0a489e0a4aae0a4bee0a4af e0a4b8
e0a485e0a49ae0a4b2e0a4be e0a4b8e0a4aae0a58de0a4a4e0a4aee0a580 e0a4aae0a4b0 e0a495e0a4b0e0a587e0a482 4 e0a489e0a4aae0a4bee0a4af e0a4b8 1

हाइलाइट्स

इस साल अचला सप्तमी 28 जनवरी शनिवार को है.
अचला सप्तमी को ही भगवान सूर्य प्रकट हुए थे.

माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को अचला सप्तमी, सूर्य जयंती या रथ सप्तमी कहते हैं. इस साल अचला सप्तमी 28 जनवरी शनिवार को है. इस दिन स्नान और दान करने से धन धान्य, संतान, आरोग्य आदि की प्राप्ति होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अचला सप्तमी को ही भगवान सूर्य रथ पर सवार होकर प्रकट हुए थे, इसलिए इसे सूर्य जयंती कहा जाता है. इस साल अचला सप्तमी के दिन पौने दो घंटे ही स्नान का शुभ समय है.

अचला सप्तमी 2023 स्नान दान मुहूर्त
काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट बताते हैं कि पंचांग के अनुसार, माघ शुक्ल सप्तमी ति​थि 27 जनवरी को सुबह 09:10 बजे से लेकर 28 जनवरी को रात 08:43 बजे तक है. अचला सप्तमी को प्रात: 05:25 बजे से लेकर सुबह 07:12 बजे तक स्नान और दान का शुभ मुहूर्त है. सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए घर पर सूर्य यंत्र की स्थापना कराकर पूजा कर सकते हैं. हवन आदि भी करा सकते हैं.

यह भी पढ़ें: रथ सप्तमी पर जन्मे थे भगवान सूर्य, स्नान-पूजा से 7 महापापों का होगा नाश, जान लें तारीख और पूजा मुहूर्त

अचला सप्तमी के उपाय
1. अचला सप्तमी के दिन आप स्नान के बाद सूर्य देव की पूजा करें. उनको पानी में लाल चंदन, गुड़ और लाल फूल डालकर अर्घ्य दें. उसके बाद आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें. इससे आपको कार्य क्षेत्र में सफलता मिलेगी. यश और कीर्ति में वृद्धि होगी.

READ More...  आज का राशिफल, 21 जून 2022: मेष, वृष और मिथुन राशि वाले जातकों को आय, व्यापार में वृद्धि होगी? पढ़ें अपना राशिफल

2. अचला सप्तमी के स्नान और पूजा के बाद आप किसी गरीब ब्राह्मण को मसूर दाल, गुड़, तांबा, गेहूं, लाल या नारंगी वस्त्र दान करें. यह सूर्य ग्रह से जुड़ी दान की वस्तुएं हैं. इससे सूर्य की स्थिति आपकी कुंडली में प्रबल होगी.

यह भी पढ़ें: कब है जया एकादशी व्रत, पिशाच योनि से मिलती है मुक्ति, जान लें पूजा मुहूर्त और पारण समय

3. रथ सप्तमी को पानी में लाल चंदन, गंगाजल, केसर या लाल फूल डालकर स्नान करें. इससे सूर्य देव प्रसन्न होंगे. आपके सुख, धन, धान्य में वृद्धि होगी.

4. अचला सप्तमी को सूर्य देव की पूजा करते समय सूर्य गायत्री मंत्र या मनोवांछित फल देने वाले मंत्र का जाप करें.

ओम आदित्याय विदमहे प्रभाकराय धीमहितन्न: सूर्य प्रचोदयात्.
या
ओम ह्रीं ह्रीं सूर्याय, सहस्त्रकिरणाय. मनोवांछित फलं देहि देहि स्वाहा:.

Tags: Astrology, Dharma Aastha

Article Credite: Original Source(, All rights reserve)