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श्रीनगर: नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने शनिवार को कहा कि सरकार को यह पता लगाने के लिए जांच का आदेश देना चाहिए कि दक्षिण कश्मीर हिमालय में अमरनाथ गुफा मंदिर के निकट एक अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र में सामुदायिक रसोई और टेंट कैसे स्थापित किए गए थे.

ये टेंट और सामुदायिक रसोई बादल फटने के बाद शुक्रवार को अचानक आई बाढ़ की चपेट में आ गये थे.

अब्दुल्ला ने 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि सरकार यह जानने के लिए एक जांच आयोग का गठन करेगी कि यह कैसे हुआ और क्यों हुआ.’’

टेंट और लंगर लगाने के फैसले पर उठाया सवाल
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने ऐसे संवेदनशील इलाके में टेंट और ‘‘लंगर’’ (सामुदायिक रसाई) लगाने के फैसले पर सवाल उठाया.

अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘टेंट और लंगरों का स्थान ऐसा है कि मुझे नहीं लगता कि ये चीजे वहां पहले की जाती थीं. पंजतरणी इसके लिए इतना अच्छा क्षेत्र है. इसकी जांच की जानी चाहिए, हो सकता है कि यह एक मानवीय गलती हो.’’

उन्होंने कहा कि पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा दिया जाना चाहिए और यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों. अमरनाथ गुफा मंदिर के निकट भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या शनिवार को बढ़कर 16 हो गई.

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Tags: Amarnath Yatra, Farooq Abdullah, Jammu kashmir news

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