
श्रीनगर. भूस्खलन में बालटाल मार्ग पर दो पुलों के बह जाने के बाद अमरनाथ यात्रा को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए भारतीय सेना ने गुरुवार और शुक्रवार की मध्यरात्रि में उनको रिकॉर्ड समय में रातों-रात फिर से बना दिया. 30 जून से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा और सुचारू संचालन के लिए नागरिक प्रशासन की सहायता कर रही भारतीय सेना की चिनार कोर ने इन पुलों को रिकॉर्ड समय में फिर से बना दिया.
समाचार एजेंसी एएनआई की एक खबर के मुताबिक तापमान अचानक बढ़ने के बाद बालटाल मार्ग पर कालीमाता के पास नालों में बाढ़ आ गई. जिसके कारण हुए भूस्खलन से ये पुल बह गए. नागरिक प्रशासन ने नष्ट हुए पुलों की बहाली के लिए चिनार कोर से कहा था. इसके बाद चिनार कोर ने तत्काल इन पुलों को बनाने के लिए पूरा प्रयास किया. इसके लिए हेलीकॉप्टर, खच्चरों के साथ ही सैनिकों ने खुद सामान की ढुलाई की. इंजीनियर रेजिमेंट ने मैन्युअल रूप से पुल के लिए संसाधनों को जुटाया. इसके बाद एक रिकॉर्ड समय सीमा में चिनार कोर की 13 इंजीनियर रेजिमेंट ने मौसम और अंधेरे की भारी बाधाओं के बावजूद रात भर में पूरी तरह से नए पुल बना दिए.
इसके परिणामस्वरूप अमरनाथ यात्रा सुचारू रूप से शुरू हुई. गौरतलब है कि अमरनाथ गुफा मंदिर का तीर्थ हिमालय के ऊपरी भाग में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद है. इस बार अमरनाथ यात्रा दो साल के अंतराल के बाद भारी खतरे के बीच शुरू हुई है. इसलिए तीर्थयात्रा को सुरक्षित सुनिश्चित कराने के लिए विस्फोटकों का पता लगाने के साथ-साथ अन्य कार्यों के लिए सुरक्षा बलों के साथ-साथ 200 बुलेटप्रूफ वाहनों को संवेदनशील जगहों पर तैनात किया गया है. आतंकी खतरों के बीच सुरक्षित तीर्थयात्रा सुनिश्चित करने के लिए तीर्थ की ओर जाने वाले मार्गों पर 130 से अधिक खोजी कुत्तों को भी तैनात किया गया है.
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FIRST PUBLISHED : July 03, 2022, 06:20 IST
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