e0a485e0a4aee0a4bfe0a4a4 e0a4b6e0a4bee0a4b9 4 e0a4aee0a4bee0a4b9 e0a4aee0a587e0a482 e0a4a4e0a580e0a4b8e0a4b0e0a580 e0a4ace0a4bee0a4b0

पटनाएक घंटा पहले

फाइल फोटो।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक बार फिर से बिहार दौरे पर आ रहे हैं। बीते 4 माह में शाह का यह तीसरा बिहार दौरा होगा। फरवरी की 22 तारीख को वो पटना के ज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेंगे।

ज्ञान भवन में किसान नेता सहजानंद सरस्वती की जयंती को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इसमें मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता के तौर पर अमित शाह को बुलाया जा रहा है।

शाह इससे पहले सीमांचल के किशनगंज और पूर्णिया में 23 और 24 सितंबर 2022 को आए थे। ठीक 20 दिन बाद 12 अक्टूबर को जेपी की जयंती के मौके पर छपरा के सिताबदियारा पहुंचे थे।

अब एक बार फिर केंद्रीय गृहमंत्री 22 फरवरी 2023 को पटना पहुंच रहे हैं। माना जा रहा है कि अमित शाह का यह दौरा राजनीतिक रूप से काफी व्यापक होगा। शाह इस मंच से लोकसभा चुनाव 2024 के लिए हुंकार भरेंगे।

पूर्णिया में सभा करते अमित शाह की फाइल फोटो। बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद यह उनकी पहली यात्रा थी।

पूर्णिया में सभा करते अमित शाह की फाइल फोटो। बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद यह उनकी पहली यात्रा थी।

विवेक ठाकुर की ओर से है आयोजन

भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर किसान नेता और महापुरुष सहजानंद सरस्वती का जयंती समारोह पटना में 22 फरवरी को मना रहे हैं। इस कार्यक्रम को बड़ा और भव्य रूप देने के लिए उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को निमंत्रण दिया है।

अमित शाह ने इस कार्यक्रम में आने की हामी भरी है। जाहिर सी बात है बापू सभागार जैसे बड़े मंच पर राजनीति की खूब बातें होंगी और वहीं से अमित शाह पूरे बिहार को 2024 लोकसभा चुनाव के लिए संदेश देंगे।

सहजानंद सरस्वती में भूमिहार और ब्राह्मण समाज की बड़ी आस्था मानी जाती है।

सहजानंद सरस्वती में भूमिहार और ब्राह्मण समाज की बड़ी आस्था मानी जाती है।

READ More...  कुढ़नी में नीतीश-तेजस्वी को पहनाया चांदी का मुकुट:पूर्व सांसद लवली आनंद भी दिखीं साथ, थोड़ी देर में सभा को संबोधित करेंगे मुख्यमंत्री

सवर्ण समाज को साधने की कोशिश

किसानों के बड़े नेता रहे सहजानंद सरस्वती ब्रह्मर्षि समाज से आते हैं। विवेक ठाकुर भी इसी समाज से आते हैं। ऐसे में विवेक ठाकुर ने सहजानंद सरस्वती जयंती समारोह करके अपने समाज को साधने की एक बड़ी पहल शुरू की है। सहजानंद सरस्वती में भूमिहार और ब्राह्मण समाज की बड़ी आस्था मानी जाती है। ऐसे में सवर्णों को साधने का एक बड़ा मंच तैयार किया जा रहा है।

खबरें और भी हैं…

Article Credite: Original Source(, All rights reserve)