
लंदन: ब्रिटेन सरकार ने जासूसी के आरोपों में विकीलीक्स (WikiLeaks) के संस्थापक जूलियन असांजे (Julian Assange) को अमेरिका प्रत्यर्पित किए जाने की मंजूरी दे दी है. हालांकि वह इसके खिलाफ अपील कर सकते हैं.
गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि गृह मंत्री प्रीति पटेल ने प्रत्यर्पण आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. इससे पहले ब्रिटेन की एक अदालत ने अप्रैल में व्यवस्था दी थी कि असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित किया जा सकता है.
गृह विभाग ने एक बयान में कहा कि ‘ब्रिटेन की अदालतों ने यह नहीं पाया है कि ‘‘असांजे का प्रत्यर्पण दमनकारी, अन्यायपूर्ण या प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा.’
कानूनी लड़ाई में आया बड़ा मोड़
अमेरिका भेजे जाने से बचने के लिए असांजे की वर्षों तक चली कानूनी लड़ाई में यह एक बड़ा मोड़ है. हालांकि असांजे के प्रयासों का यह अंत नहीं है और उनके पास इसके खिलाफ अपील करने के लिए 14 दिन का समय है. ब्रिटेन के एक न्यायाधीश ने अप्रैल में असांजे के प्रत्यर्पण को मंजूरी देते हुए अंतिम निर्णय सरकार पर छोड़ दिया था. यह निर्णय ब्रिटेन के उच्चतम न्यायालय तक पहुंची कानूनी लड़ाई के बाद आया. अमेरिकी अभियोजकों का कहना है कि असांजे ने गोपनीय राजनयिक केबल और सैन्य फाइल चुराने में अमेरिकी सेना के खुफिया विश्लेषक चेल्सी मैनिंग की मदद की, जिन्हें बाद में विकीलीक्स ने प्रकाशित किया, जिससे लोगों का जीवन जोखिम में पड़ गया.
कानूनी लड़ाई में आया बड़ा मोड़
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FIRST PUBLISHED : June 17, 2022, 16:41 IST
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