
हाइलाइट्स
फेड की सख्ती से अमेरिकी बाजार 25 फीसदी तक गिर चुका है.
अगस्त से तुलना की जाए तो सितंबर में यूएस कंज्यूमर प्राइस 0.4 फ़ीसदी बढ़ा है
s&p 500 में 5 फ़ीसदी की तेजी आने की वजह मार्केट पोजिशनिंग हो सकती है.
नई दिल्ली. पिछले कुछ दिनों से गिर रहा भारतीय शेयर बाजार आज तेज है. बेंचमार्क सेंसेक्स लगभग 1000 पॉइंट ऊपर है तो निफ़्टी50 इंडेक्स एक बार फिर से 17,300 के ऊपर ट्रेड कर रहा है. इस उछाल में गुरुवार को आए इंफोसिस के नतीजे और बैंकिंग सेक्टर में तेजी ने बड़ा योगदान दिया है. इंफोसिस का शेयर आज लगभग 5 फ़ीसदी तेजी के साथ ट्रेड हो रहा है.
एशिया के तमाम बाजार आज बढ़ते हुए देखे गए हैं. इसके पीछे मुख्य वजह है वॉल स्ट्रीट (अमेरिकी शेयर बाजार) पर कल रात आई तेजी. अमेरिका की महंगाई दर उम्मीद से कहीं ज्यादा आने के बाद भी शेयर बाजारों ने अच्छी रिकवरी की और बढ़त के साथ बंद हुए. इसी का असर आज तमाम एशियन बाजारों पर देखा गया है. लेकिन ज्यादातर एक्सपर्ट देखना चाहते हैं कि यह तेजी कितने समय तक टिकी रहेगी. क्योंकि अमेरिकी इन्फ्लेशन रेट में तगड़ा उछाल आया है.
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अमेरिकी महंगाई में उम्मीद से दोगुना वृद्धि
अगस्त से तुलना की जाए तो सितंबर में यूएस कंज्यूमर प्राइस 0.4 फ़ीसदी बढ़ा है, जबकि विशेषज्ञ इसमें 0.2 फ़ीसदी की बढ़त का अनुमान लगा रहे थे. इन आंकड़ों का सीधा मतलब यह है कि अमेरिका में महंगाई बढ़ती जा रही है और हालात बद से बदतर की तरफ अग्रसर हैं. अमेरिकी फेडरल बैंक द्वारा उठाए गए तमाम कदमों का कोई असर नहीं दिख रहा है. कल महंगाई का डाटा आने से पहले अमेरिकी शेयर बाजारों में भारी बिकवाली देखी जा रही थी, लेकिन आंकड़ों के पब्लिश होने के बाद तमाम अमेरिकी बाजारों में शार्प रिकवरी देखी गई. सभी बाजार उछलकर बंद हुए.
दिलचस्प प्राइस एक्शन देखा!
आईएएफ ग्लोबल ने अपने एक नोट में कहा है, कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) में वृद्धि के बाद टेक्निकल फैक्टर्स और पोजिशनिंग के हिसाब से हमने काफी दिलचस्प प्राइस एक्शन देखा. डॉलर तुरंत मजबूत होना शुरू हो गया और शेयर बाजारों में जबरदस्त शॉर्ट कवरिंग देखने को मिली. इक्विटी में भी इंट्राडे में पूरी तरह से रिवर्सल हो गया. नैस्डेक 2.2 फ़ीसदी बढ़कर बंद हुआ. हम समझते हैं कि s&p 500 के 50 फ़ीसदी रिट्रेसमेंट (50 फीसदी नीचे आने) पर एल्गो ट्रेडिंग के माध्यम से यह खरीदारी हुई हो सकती है. कोरोना के बाद s&p 500 अपने उच्चतम स्तर से 50 फीसदी भी नीचे आ चुका है.”
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फेड की सख्ती से 25 फीसदी गिरा बाजार
महंगाई को नियंत्रित करने के लिए सेंट्रल बैंक द्वारा उठाए गए सख्त कदमों के बाद से ही अमेरिकी शेयर बाजार में 25 फ़ीसदी की गिरावट आई है. इसके बाद भी निवेशकों को समझ नहीं आ रहा कि बाजार अभी और कितना गिर सकता है या फिर कब इसमें रिकवरी शुरू होगी.
लाइव मिंट की एक खबर के अनुसार, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश सलाहकार वीके विजयकुमार ने कहा है, s&p 500 में 5 फ़ीसदी की तेजी आने की वजह मार्केट पोजिशनिंग हो सकती है. अमेरिकी रिटेल महंगाई दर में खतरनाक वृद्धि के बाद भी मार्केट में इस तरह का रिवर्सल इसी वजह से संभव हुआ हो सकता है. शेयर बाजार ओवरसोल्ड था और ऊंची महंगाई दर एवं फेड के सख्त रवैये के चलते बाजार में बिकवाली हो रही थी. ओवरसोल्ड मार्केट पोजिशनिंग की वजह से शॉर्ट कवरिंग शुरू हुई और डाओ में 1,400 अंकों की जबरदस्त तेजी देखने को मिली.
विजयकुमार ने आगे कहा कि इसी तरह की शॉर्ट कवरिंग और शार्प रैलीज़ भारतीय बाजार में भी देखने को मिल सकती हैं. बड़ा सवाल यह है कि इस तरह की रैली कितने समय तक टिकेगी. वैश्विक स्तर पर बने हालातों को देखा जाए तो एक स्तर के बाद यह रैली टिक नहीं सकेगी.
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Tags: Business news, Share market, Stock market, USA share market
FIRST PUBLISHED : October 14, 2022, 12:24 IST
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