हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई हरियाणा की राजनीति में कद्दावर चेहरा है. कुलदीप बिश्नोई आदमपुर से कांग्रेस के मौजूदा विधायक हैं. हालांकि कांग्रेस के साथ उनका रिश्ता कभी हां-कभी ना का रहा है. कुलदीप पहले कांग्रेस में हुआ करते थे. लेकिन साल 2007 में उन्होंने हरियाणा जनहित कांग्रेस-भजनलाल नाम की पार्टी बना ली. दरअसल, तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के खिलाफ बयानबाजी के चलते कुलदीप पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हुई और उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया. जिस वजह से कुलदीप बिश्नोई ने अपनी नई पार्टी हरियाणा जनहित कांग्रेस बना ली. लेकिन हजकां का सियासी फायदा उन्हें मिल नहीं सका. नतीजतन वो अपनी पार्टी के साथ दोबारा कांग्रेस की कश्ती पर सवार हो गए.
साल 2014 में उन्होंने बीजेपी के साथ गठबंधन किया और हिसार से लोकसभा चुनाव लड़ा. लेकिन चुनाव में उनकी दुष्यंत चौटाला के हाथों हार हो गई थी. इस हार के बाद उनकी राजनीतिक पार्टी के वजूद पर सवाल उठे. जिसके बाद 2016 में कांग्रेस के तत्कालीन उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिलकर उन्होंने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया.
आदमपुर पर परिवार का 52 साल से कब्जा
कुलदीप बिश्नोई आदमपुर से विधायक हैं. आदमपुर भजनलाल परिवार का गढ़ रहा है. आदमपुर सीट से भजनलाल का परिवार 1968 से कभी चुनाव नहीं हारा. अबतक हुए 12 विधानसभा चुनावों में 11 बार भजनलाल का परिवार चुनाव जीता है. आदमपुर सीट से कुलदीप विश्नोई 3 बार विधायक रह चुके हैं.
साल 1998 में कुलदीप बिश्नोई पहली दफे आदमपुर सीट से विधायक बने. जबकि भिवानी और हिसार से वो सांसद का चुनाव भी जीत चुके हैं. अपने पिता भजनलाल की ही तरह वो दो जगह से सांसद बन चुके हैं. भजनलाल साल 1989 में फरीदाबाद और 1998 में करनाल से सांसद रहे. जबकि कुलदीप विश्नोई ने साल 2004 में हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला और पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के बेटे को भिवानी लोकसभा सीट पर हराया. साल 2011 में भजनलाल के निधन के बाद हिसार संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव में कुलदीप बिश्नोई ने इनेलो को उम्मीदवार अजय सिंह चौटाला को हराया.
कांग्रेस के खिलाफ बनाई थी हजकां
हरियाणा जनहित कांग्रेस बनाने के बाद उनकी पार्टी ने साल 2009 के विधानसभा चुनाव में राज्य की सभी 89 सीटों पर चुनाव लड़ा और 6 सीटों पर जीत हासिल की. लेकिन सभी विधायक कांग्रेस में चले गए. जिसके बाद कुलदीप विश्नोई ने कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया और पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने सभी 6 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया.
कुलदीप विश्नोई का जन्म 1968 में हिसार में हुआ. राजस्थान के हनुमानगढ़ में जन्मी रेणुका विश्नोई से उनकी शादी हुई. उनके तीन बच्चे हैं. भव्य, चैतन्य और सिया विश्नोई. भव्य राजनीति में उतर चुके हैं जबकि चैतन्य आईपीएल में खेल चुके हैं. रेणुका हांसी से विधायक हैं. भव्य साल 2019 का लोकसभा चुनाव हार चुके हैं.
कुलदीप के कंधों पर इस बार न सिर्फ अपने पारिवारिक गढ़ को बचाने की जिम्मेदारी है बल्कि कांग्रेस का प्रदर्शन सुधारने की भी उम्मीदों का भार है. बीजेपी ने कुलदीप के खिलाफ टिक-टॉक स्टार सोनाली फोगाट को उतारा है. आदमपुर कुलदीप विश्नोई का अभेद्य किला है. ऐसे में कुलदीप विश्नोई को लगातार चौथी बार चुनाव जीतने का पक्का भरोसा है.
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Tags: Haryana Assembly Election 2019, Haryana Assembly Profile
FIRST PUBLISHED : October 20, 2019, 16:10 IST
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