
हाइलाइट्स
मनुष्य के अच्छे बुरे, कर्मों का हिसाब शनि के पास होता है.
मकर और कुंभ राशि के ग्रह स्वामी शनि देव हैं.
Astrology : ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को एक क्रूर ग्रह के रूप में देखा जाता है, लेकिन शनि लोगों को उनके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. शनि ग्रह का स्वभाव सत्य का पालन कराने वाला है. पृथ्वी पर मौजूद हर मनुष्य के अच्छे बुरे कर्मों का हिसाब शनि के पास होता है. इसी कारण शनिदेव को दंडाधिकारी या फिर कलयुग के न्यायाधीश के रूप में भी जाना गया है. पृथ्वी लोक में ज्यादातर लोग शनि की साढ़े साती और ढैय्या को बुरा मानते हैं, लेकिन यह बिल्कुल गलत है. शनिदेव कुछ मामलों में साढ़े साती या ढैय्या में भी शुभ फल प्रदान करते हैं. इसका असर किन राशियों पर होता है जानेंगे भोपाल के रहने वाले ज्योतिषी एवं पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.
मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं शनि देव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मकर और कुंभ राशि के ग्रह स्वामी शनि देव हैं. वर्तमान समय की बात करें तो शनि देव इस समय मकर राशि में गोचर कर रहे हैं. यानी कि शनि इस समय अपनी ही राशि में विराजमान हैं. माना जाता है कि शनि वक्री होते हैं तो वह शुभ फल प्रदान नहीं करते. इसलिए इस समय मकर और कुंभ राशि के लोगों को थोड़ी सावधानी बरतनी जरूरी है.
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इन दो राशि वाले जातकों पर रखते हैं अपनी कृपा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि देव धनु और मीन राशि वालों को ज्यादा परेशान नहीं करते. जब तक इन राशि वालों के कर्म अच्छे हैं शनि देव इनहें शुभ फल प्रदान करते हैं. इसके अलावा यदि इन राशि के सभी लोग शनि के नियमों का पालन करें तो यह राशि वाले शनि देव की कृपा के पात्र बनते हैं और शनि देव इन लोगों को मान-सम्मान और धन भी प्रदान करते हैं.
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शनि की सबसे प्रिय राशि है तुला राशि
ज्योतिष शास्त्र में माना गया है कि शनि देव की सबसे प्रिय राशि तुला है ऐसा माना जाता है कि तुला राशि के जातकों को शनि ज्यादा दुख और कष्ट प्रदान नहीं करते. तुला राशि वाले यदि दूसरों का भला करते हैं तो यह उनकी उन्नति में उनके सहायक बनते हैं. यदि तुला राशि के जातक अपने कर्म अच्छे रखें तो शनि उन्हें अप्रत्याशित फल भी प्रदान करते हैं और उन्हें अपने जीवन में उच्च पद प्राप्त होते हैं.
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Tags: Astrology, Dharma Aastha, Religion
FIRST PUBLISHED : September 12, 2022, 11:37 IST
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