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नई दिल्ली. इराक से भारत लाए गए छह महीने के बच्चे के दिल में कई छेद थे. उसका यहां के एक अस्पताल में ऑपरेशन किया गया है. डॉक्टरों ने बुधवार को बताया कि बच्चे को जन्म से ही दुर्लभ होने वाली दिल की बीमारी थी. इस बीमारी से उसके फेंफड़ों और गुर्दे को गंभीर नुकसान पहुंचा था. बच्चा डबल आउटलेट राइट वेंट्रीकल (DORV) से पीड़ित था. साथ ही उसे वेंट्रीकुलर सेप्टल डिफेक्ट (VDS) यानी दिल में छेद और इंटेरप्टेड एओर्टिक आर्क (IAA) (बायीं धमनी का ठीक से विकसित नहीं होना) से भी ग्रसित था.

1 लाख बच्चों में से सिर्फ 4 से 8 को होती है ये दुर्लभ बीमारी 
डॉक्टरों के मुताबिक डीओआरवी (DORV) एक जन्मजात बीमारी है. इसमें दिल की दो प्रमुख धमनियां फुफ्फुसीय धमनी और बायीं धमनी, दोनों दायीं धमनी से जुड़ी रहती हैं. यह हर एक लाख बच्चों में से करीब 4-8 बच्चों में होता है. डीओआरवी के साथ आईएए एक दुर्लभ घटना है.
अस्पताल का कहना है कि मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल साकेत के डॉक्टरों ने बच्चे की जान बचाने के लिए सर्जरी और इंटरवेंशन कार्डियोलॉजी प्रक्रिया का इस्तेमाल किया.

ऐसा ऑपरेशन पहली बार किया 
अस्पताल ने दावा किया कि यह पहली बार है जब उत्तर भारत में इस प्रक्रिया के जरिए ऑपरेशन किया गया. डॉ. कुलभूषण सिंह डागर डायरेक्टर और चीफ सर्जन और हेड-नियोनटल एंड कांजेनाइटल सर्जरी की देखरेख में मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, साकेत के स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम ने बच्चे का इलाज किया. डॉ डागर ने कहा कि बच्चे की स्थिति के बारे में काफी देर से पता चल पाया इसके कारण बच्चा काफी बीमार पड़ गया था. रेडियोलॉजिस्ट, कार्डियोलॉजिस्ट, इंटेसिव केयर और सर्जरी की टीम की निगरानी में बच्चे का ऑपरेशन किया गया. स्टेंट लागने का काम डॉ. नीरज अवस्थी, प्रिंसिपल कंसल्टेंट एवं इंचार्ज पेडियाट्रिक कार्डियोलॉजी की टीम ने किया.

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Tags: Delhi, Health, Iraq

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