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नोएडा. बुधवार से ग्रेटर नोएडा (Noida) में इलेक्ट्रिक व्हीकल एक्सपो चल रहा है. उद्घाटन के बाद से ही एक्सपो में इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicle) में दिलचस्पी रखने वालों की भीड़ आ रही है. वहीं दूसरी ओर इस कारोबार से संबंध रखने वाले कारोबारियों का मानना है कि इस एक्सपो से इलेक्ट्रिक व्हीकल सिटी के प्रोजेक्ट को भी रफ्तार मिलेगी. ईवी सिटी में ई-रिक्शा, ई-स्कूटी, ई-बाइक (E-Bike), ई-कार और उनकी बैटरी बनेंगी. इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चर संस्था का प्रधिनिधिमंडल यमुना अथॉरिटी (Yamuna Authority) के सीईओ से मिला था. संस्था का कहना है कि अथॉरिटी के सीईओ ने ईवी सिटी (EV City) के प्रस्ताव में दिलचस्पी दिखाते हुए 100 एकड़ जमीन देने की बात कही थी. गौरतलब रहे इंडस्ट्रियल कलस्टर के तहत अथॉरिटी मेडिकल डिवाइस और टॉय पार्क (Toy Park) समेत 10 से ज्यादा कलस्टर को अपने यहां जगह दे रही है.

50 कंपनियां आएंगी इलेक्ट्रिक व्हीकल सिटी में

करीब 7-8 महीने पहले इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चर संस्था के प्रधिनिधिमंडल ने यमुना अथॉरिटी के सीईओ अरुणवीर सिंह से मुलाकात की थी. उन्होंने सीईओ को यकीन दिलाते हुए कहा कि अगर अथॉरिटी इलेक्ट्रिक व्हीकल सिटी विकसित करता है तो सिटी में कम से कम 50 कंपनियां अपनी यूनिट शुरु कर देंगी. जिसके बाद ई-रिक्शा, ई-स्कूटी, ई-बाइक और ई-कार तो बनेंगी ही, साथ में ई वाहनों में इस्तेमाल होने वाली लिथियम बैटरी भी इलेक्ट्रिक व्हीकल सिटी में ही बनेगी.

साथ ही अथॉरिटी ने भी कारोबारियों को यह यकीन दिलाया है कि जब इलेक्ट्रिक व्हीकल सिटी बनेगी तो जमीन के साथ ही कॉमन फैसिलिटी सेंटर, रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर, लैब टेस्टिंग स्किल डेवलपमेंट सेंटर, ग्रीन इन्नोवेशन सेंटर की सुविधाएं भी दी जाएंगी. अथॉरिटी ने इसी के चलते सभी कारोबारियों से डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट मांगी है.

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इलेक्ट्रिक व्हीकल सिटी में यह सुविधाएं भी मिलेंगी

अथॉरिटी का कहना है कि अगर ई व्हीकल कारोबारी शर्तों को पूरा करते हैं तो उन्हें एक ही छत के नीचे तमाम सुविधाएं दी जाएंगी. कारोबारियों को भटकना नहीं जाना पड़ेगा. उन्हें एक छत के नीचे ही सारी सुविधाएं मिल जाएंगी. इलेक्ट्रिक व्हीकल यूनिट लगाने वालों को 7 साल तक ब्याज में 50 प्रतिशत छूट मिलेगी. यह पैसा सरकार देगी. रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर 5 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी. इलेक्ट्रिक ड्यूटी 10 साल के लिए माफ होगी. स्टांप शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी. स्टेट जीएसटी में 10 साल तक 90 प्रतिशत की छूट दी जाएगी. 200 कर्मचारियों तक पीएफ में सरकार सहयोग करेगी.

इंडस्ट्रियल कलस्टर में होगा फ्लैटेड फैक्ट्री का इस्तेमाल 

जानकारों की मानें तो फ्लैटेड फैक्ट्री का कॅन्सेप्ट विदेशी है. इसके तहत फ्लैटनुमा बहुमंजिला इमारतों का निर्माण किया जाता है. इमारत के हर फ्लोर पर काम के हिसाब से स्ट्राक्चर तैयार किया जाता है. जैसे जूता सिलाई, रेडीमेड गारमेंट, इलेक्ट्रॉनिक-इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट, हैंडीक्राफ्ट, फैशन डिजाइन, आईटी सेक्टर से जुड़े केपीओ, बीपीओ, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, डिजाइनिंग, असेंबलिंग की छोटी फैक्ट्रियां आदि. खास बात यह है कि फ्लैटेड फैक्ट्रियों में काम से जुड़े जरूरी संसाधन पहले से ही स्थापित होते हैं.

Tags: Electric vehicle, Industrial units, Jewar airport, Yamuna Authority

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