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रिपोर्ट- धीरेन्द्र शुक्ला


चित्रकूट की पहचान वैसे तो मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की तपोस्थली के रूप में होती है और यहां भक्तगण अपने आराध्य की उपस्थिति कण-कण में अनुभव करते हैं. लेकिन इसी चित्रकूट का एक और स्याह इतिहास भी है जो कुख्यात डाकुओं के आतंक से भरा हुआ है.

वैसे तो कई डाकू इस क्षेत्र में रहे हैं लेकिन आज हम बताने जा रहे हैं एक ऐसे डाकू के बारे में जो बेहद कम उम्र में इश्क कर बैठी और फिर बन गई कुख्यात दस्यू सरगना. इसके काम करने का तरीका ऐसा था कि लोग इसे ‘इश्क वाली डाकू’ थी.

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डाकू साधना पटेल की फाइल फोटो

16 साल की लड़की के डाकू बनने की कहानी

दरअसल, चित्रकूट के बगैहा गांव की रहने वाली साधना पटेल की कहानी बड़ी दिलचस्प है. सिर्फ 16 साल की बाली उम्र में साधना पटेल का दिल डाकू नवल किशोर धोबी पर आ गया और साधना ने उसके साथ जीवनभर रहने का फैसला कर लिया. परिवार वालों को यह बात ठीक नहीं लगी और उन्होंने साधना की शादी एक युवक से कर दी.

पति को छोड़ डाकू के पास चली गई

साधना को ये शादी रास नहीं आई और वो वहां केवल 2 दिन ही रही. इसके बाद उसने डाकू नवल किशोर धोबी के साथ जीवन बिताने के लिए चित्रकूट के बीहड़ जंगलों का रुख कर लिया.

इसी दौरान साधना पटेल ने चित्रकूट के घनघोर जंगलों में ही नवल किशोर से शादी भी कर ली. इधर मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश दोनों ही राज्यों में डाकू नवल किशोर धोबी का आतंक बहुत बढ़ चुका था, उधर इस दौरान ही साधना नवल किशोर से पैंतरेबाजी और डाकुओं के तौर तरीके भी सीख रही थी. लेकिन वही यूपी और एमपी दोनों ही राज्यों की पुलिस के लिए नवल किशोर धोबी और उसका गिरोह बड़ी चुनौती बन चुका था. लिहाजा पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया और डाकू नवल किशोर धोबी को मार गिराया.

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जब साधना बन गई सरगना

डाकू नवल किशोर धोबी की मौत के बाद अब गिरोह की कमान साधना पटेल ने अपने हाथों में ले ली और यहां से शुरु हो गई ‘इश्क वाली दस्यु सुंदरी डाकू साधना पटेल’ के जुर्म की दुनिया की खतरनाक दास्तान.

दरअसल, लगभग 5 दशकों के बाद यह पहला ऐसा मौका था जब उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्र पाठा में किसी महिला डाकू की एंट्री हुई. साधना पटेल ने जैसे ही गिरोह की कमान संभाली और वारदातों को अंजाम देना शुरू किया, पुलिस ने उसके ऊपर 10000 का इनाम घोषित कर दिया.

साधना का दहशत पूरे इलाके में फैल गया

डाकू साधना पटेल ने दीपक शिवहरे गिरोह और नवल किशोर धोबी गिरोह के लगभग डेढ़ दर्जन सदस्यों को मिलाकर अपना गिरोह बनाया और उसकी कमान अपने हाथों में रखी. शुरुआती दिनों में दस्यु सुंदरी साधना पटेल ने नयागांव क्षेत्र और भरतकूप क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में अपने गिरोह का आतंक फैलाया. बाद के दिनों में अपनी दहशत को कायम करने के लिए दस्यु साधना पटेल चित्रकूट, सतना , रीवा में वारदात को अंजाम देने लगी और धीरे-धीरे उसका खौफ इतना बढ़ गया कि लोग अपने घरों में भी उसकी चर्चा नहीं करते थे. साधना पटेल यूपी और मध्य प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में आतंक का पर्याय बन गई और पुलिस के लिए सिर दर्द भी बन गई.

क्यों कहते हैं इश्क वाली दस्यु सुंदरी?

पाठा क्षेत्र के जानकार आलोक कुमार कहते हैं कि दस्यु सुंदरी साधना पटेल के पिता के घर पर डाकुओं का आना जाना था और वह उस समय डाकुओं को पनाह दिया करते थे. यहीं से साधना पटेल डाकू के संपर्क में आई. सूत्रों की मानें तो डाकू साधना पटेल युवाओं को अपने प्रेम जाल में फंसा लेती थी, फिर किसी को मुखबिर तो किसी को गिरोह का सक्रिय सदस्य बना लेती थी. साधना इन युवाओं को बाकायदा हथियार चलाने और पुलिस से बचने की ट्रेनिंग भी देती थी. यही वजह है कि लोग डाकू साधना पटेल को इश्क वाली डाकू या फिर इश्क वाली दस्यु सुंदरी कहते थे.

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फिलहाल इश्क वाली डाकू साधना पटेल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और वह मध्यपदेश की जेल में बंद है.

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