
हाइलाइट्स
भारी बारिश के कारण ट्रैफिक पुलिस ने लोगों से बाहर न निकलने की दी सलाह.
बेंगलुरु शहर में सोमवार रात भर में 131 मिमी बारिश हुई दर्ज.
जलभराव की वजह से स्पाइस गार्डन से व्हाइटफील्ड तक का रास्ता बंद.
(रोहिणी स्वामी की रिपोर्ट)
बेंगलुरु. मूसलाधार बारिश (Bengaluru Rain) की वजह से कर्नाटक की राजधानी और सिलिकॉन सिटी बेंगलुरु का हाल बेहाल हो चुका है. सोमवार रात भी बेंगलुरु में भारी बारिश हुई. जिसकी वजह से सड़कें समंदर बन गईं. कई घरों में पानी घुस गया. पहली बार पॉश कॉलोनियों में भी पानी बर चुका है. इससे बेंगलुरु महानगर पालिका की लचर व्यवस्था सबके सामने आ गई है. वहीं, जगह-जगह जलजमाव की वजह से भारी ट्रफिक जाम हुआ. हालांकि हालात से निपटने के लिए प्रशासन जुटा हुआ है. लेकिन मौसम विभाग ने 9 सितंबर तक कर्नाटक में भारी बारिश जारी रहने की संभावना जताई है.
भारी बारिश को लेकर News18 ने BBMP कमिश्नर गिरिनाथ से बात की. भारी बारिश से सड़कों पर जलजमाव और पीने के पानी की सप्लाई का बंद होने के सवाल पर BBMP कमिश्नर का जवाब हैरान करने वाला था. गिरिनाथ ने कहा, “यह अभूतपूर्व बारिश थी. जिन लोगों को नुकसान हुआ है, हमें वास्तव में उनके लिए खेद है. हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं. जलभराव वाले स्थानों का स्थायी समाधान करने की दिशा में काम कर रहे हैं. आपको जो परेशानी हो रही है, उसके लिए हमे खेद है. हम सुनिश्चित करेंगे कि अगली बारिश तक हम इन तमाम खामियों को दूर कर लेंगे. बाढ़ को रोकने के लिए बुनियादी ढांचा तैयार कर लेंगे.”
BBMP कमिश्नर गिरिनाथ ने आगे कहा, “हमारी झीलें भरी हुई हैं. हमारा सिस्टम और पानी सोखने में सक्षम नहीं है. यही समस्या है. अगले मॉनसून तक इसे दूर कर लिया जाएगा.”
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रेस्क्यू ऑपरेशन
गिरिनाथ ने बताया कि आउटर रिंग रोड, महादेवपुरा, बेलंदूर और वरथुर के आसपास के क्षेत्रों में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमों के साथ बचाव अभियान सर्वोच्च प्राथमिकता पर काम कर रहा है. बीबीएमपी की टीमें और अधिकारी फंसे हुए वरिष्ठ नागरिकों के लिए आपातकालीन सेवाओं के साथ-साथ उन क्षेत्रों में भोजन और आवश्यक आपूर्ति वाले लोगों की मदद कर रही है. जहां पानी 4 फीट तक बढ़ गया है, वहां तेजी से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है.
उन्होंने आगे कहा, “यह पिछले 50 वर्षों में बेंगलुरु में देखा गया दूसरा सबसे बड़ा मॉनसून है. हमने पिछले 24 से 48 घंटों में अभूतपूर्व बारिश देखी है. आंकड़ों पर नजर डालें, तो दो दिनों में बेंगलुरु में आमतौर पर एक हफ्ते में होने वाली बारिश से 4 से 5 गुना ज्यादा बारिश हुई. शहर में 162 से अधिक झीलें भर चुकी हैं. वे अतिरिक्त पानी नहीं ले पा रही हैं, जिससे बाढ़ आ गई है.”
गिरिनाथ ने स्वीकार किया कि बाढ़ को रोकने के लिए नालों को साफ करने और जल निकासी की व्यवस्था को ठीक करना महानगर पालिका की जिम्मेदारी थी. उन्होंने जोर देकर कहा कि कई महीनों से प्री-मॉनसून की तैयारी चल रही है. लेकिन इस बार ज्यादा परेशानी हो गई. इसे जल्द ही ठीक किया जाएगा.
हालांकि, सोशल मीडिया पर यूजर्स बेंगलुरु महानगर पालिका चीफ के बयान की आलोचना कर रहे हैं. कई यूजर्स का कहना है कि जहां बीबीएमपी को जल्द से जल्द हालात को सामान्य करने पर काम करना चाहिए. वहीं, इसके चीफ ऐसे बेतुके बयान दे रहे हैं.
बेंगलुरु में इस बार रिकॉर्ड तोड़ बारिश
बता दें कि सिलिकॉन सिटी बेंगलुरु में इस बार रिकॉर्ड तोड़ बारिश हो रही है. शहर में अगस्त में जितनी बारिश हुई है, वह चार साल में सबसे ज्यादा है. आईएमडी के मुताबिक, इस साल अगस्त में, बेंगलुरु में 370 मिमी बारिश हुई है. ऐसी बारिश पिछले बार अगस्त 1998 में हुई थी. उस साल 387.1 मिमी बारिश रिकॉर्ड बारिश हुई थी. बारिश हर साल बढ़ रही है. मौसम विभाग के अनुसार, बेंगलुरु में 2021 में 1,500 मिमी वार्षिक बारिश दर्ज की गई थी. जबकि 2020 में ये 1,200 मिमी थी और 2019 में 900 मिमी. तक बारिश हुई.
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बुनियादी ढांचे की कमी
भारी बारिश के कारण बेंगलुरु के आउटर रिंग रोड (ओआरआर) पर बहुत अधिक जलभराव हो गया. ये शहर को उसके तकनीकी पार्कों (Tech parks) से जोड़ता है. इसका एक अहम कारण बुनियादी ढांचे (Infrastructure) में कमी है. इस इलाके में हुआ विकास बुनियादी ढांचे को बहुत पीछे छोड़ गया है. लेकिन इसके साथ बुनियादी ढांचे का बेहतर विकास नहीं किया गया. एक्टिविस्ट नागेश अरास (Nagesh Aras) के मुताबिक 2005 में, 110 गांवों को बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका-बीबीएमपी (Bruhat Bengaluru Mahanagara Palike-BBMP) में मिला दिया गया था, लेकिन नगर निगम ने गांवों को शहर के सूइज् सिस्टम (Sewage System) से जोड़ने की जहमत नहीं उठाई.
यही कारण है कि तूफान के पानी की नालियां बेकार हो जाती हैं और बारिश के पानी के साथ मिलकर कच्चा सूइज् आउटर रिंग रोड पर फैल जाता है. इसके अलावा पानी के लिए कोई पुलिया (Culverts) नहीं हैं. ऐसे में सड़क बहते पानी के लिए एक बांध की तरह काम करती है और पुलियों की कमी के कारण, बारिश के पानी और सीवेज के पानी के पास साथ बहने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है, जिससे जलभराव हो जाता है.
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Tags: Bengaluru Rain, Heavy rains, IMD alert, IMD forecast, Karnataka
FIRST PUBLISHED : September 06, 2022, 20:17 IST
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