
हाइलाइट्स
पुखराज बृहस्पति ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है.
पुखराज को गुरुवार के दिन धारण कर सकते हैं.
Topaz Gemstone: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रत्न किसी भी व्यक्ति की सोई हुई किस्मत को जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. हर व्यक्ति के जीवन में रत्न प्रभाव डालते हैं यदि कोई व्यक्ति आर्थिक तंगी से जूझ रहा हो या फिर उसका भाग्य साथ नहीं दे रहा हो, तो रत्न उसकी मदद कर सकते हैं. वैदिक ज्योतिष में रत्नों के प्रभाव और उनकी शक्तियों के बारे में उल्लेख मिलता है. कई ऐसे रत्न हैं जिन्हें धारण करने से व्यक्ति आर्थिक रूप से समृद्ध होता है.
रत्नों में ऐसी ऊर्जाएं केंद्रित होती हैं, जो उसके प्रतिनिधि ग्रहों और सितारों को प्रभावित करती हैं. ज्योतिषी एवं पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा बता रहे हैं पुखराज रत्न धारण करने के फायदे और उसका विकल्प.
पुखराज क्या है?
पुखराज पीले रंग का एक मूल्यवान रत्न है. यह रत्न बृहस्पति ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पुखराज धारण करने वाले व्यक्ति की आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं. साथ ही धन संपदा में वृद्धि होती है. ज्योतिष शास्त्र मानता है कि पुखराज धारण करने से व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ मिलता है. आर्थिक लाभ मिलता है, लंबी उम्र, मान प्रतिष्ठा भी प्राप्त होती है. इसके अलावा जिनके विवाह में देरी हो रही हो वे भी पुखराज धारण कर सकते हैं. ज्योतिष शास्त्र कहता है कि किसी भी रत्न को धारण करने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी की सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए.
यह भी पढ़ें – इन राशि के जातकों को फलता है पीतांबरी नीलम, जानें धारण करने का सही तरीका और फायदे
-पुखराज धारण करने की विधि
पुखराज बृहस्पति ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है. इसलिए आप पुखराज को गुरुवार के दिन धारण कर सकते हैं. इसके लिए आपको 3 या 5 कैरेट का पुखराज स्वर्ण या चांदी की अंगूठी में जड़वा कर महीने की किसी भी शुक्ल पक्ष के गुरूवार को सूर्य उदय होने के बाद धारण कर सकते हैं. इसके लिए पुखराज जड़ी अंगूठी को दूध, गंगाजल, शहद और शक्कर के घोल में डालकर बृहस्पति देव के नाम का दिया जलाएं और उनसे प्रार्थना करते हुए अपनी मनोकामना कहें. साथ ही इस अंगूठी को भगवान श्री हरी के चरणों में समर्पित करके अपनी तर्जनी उंगली में धारण करें. इस रत्न के अच्छे प्रभावों को प्राप्त करने के लिए सदैव उच्च कोटि का सिलोनी पुखराज ही धारण करने की सलाह दी जाती है. पुखराज रत्न धारण करने के बाद 30 दिनों के अंदर ही इसका प्रभाव देखने को मिलता है. यह रत्न लगभग 4 वर्ष तक अपना पूर्ण प्रभाव देने लगता है और इसके बाद यह निष्क्रिय हो जाता है.
यह भी पढ़ें – काला हकीक कौन कर सकता है धारण, जानें इसे पहनने के नियम और फायदे
-पुखराज का विकल्प
पुखराज एक बहुमूल्य रत्न है. इसलिए सभी इसे धारण नहीं कर पाते. यदि किसी व्यक्ति के पास पैसों से जुड़ी कोई समस्या है तो वह पुखराज का उपरत्न सुनहला भी धारण कर सकता है. यह पुखराज के जैसा असर तो नहीं देता लेकिन व्यक्ति की काफी सारी समस्याओं का निदान कर सकता है. इस रत्न को पीतल या तांबे की धातु में जड़वा कर पुखराज की तरह ही धारण किया जा सकता है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Astrology, Dharma Aastha, Religion
FIRST PUBLISHED : November 15, 2022, 01:21 IST
Article Credite: Original Source(, All rights reserve)