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देहरादून. उत्तर प्रदेश के बाद अब उत्तराखंड के भी मदरसों का सर्वे होने जा रहा है. उत्तराखण्ड के 103 रजिस्टर्ड मदरसों में फंडिंग के इस्तेमाल से लेकर एजुकेशन पैटर्न, फाइनेंसियल पोजिशन भी अब जांच के दायरे में होंगे.

दरअसल, मदरसों में हो रही पढ़ाई को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं. ऐसे में उत्तराखंड वक्फ़ बोर्ड ने प्रदेश में रजिस्टर्ड 103 मदरसों को जांच के दायरे में ला दिया है, जिसके जांच वक्फ बोर्ड के मेंबर से लेकर अध्यक्ष खुद करेंगे. इसमें एजुकेशन पैटर्न, फंडिंग के इस्तेमाल से लेकर, मदरसों के कंडीशन की भी जांच होगी. 10 सदस्यीय टीम 10-10 मदरसों में जांच करेंगी. साथ ही अध्यक्ष भी खुद मदरसों की स्थिति को देखेंगे.  इस साल के आखिर तक जांच टीम को अपनी रिपोर्ट बोर्ड के सामने रखनी होगी, जिसके बाद खामी पाये जाने पर मदरसों पर कार्यवाही की भी तैयारी है  शादाब शम्स,अध्यक्ष, वक्फ़ बोर्ड, उत्तराखण्ड ने बताया कि जांच के लिए 10 सदस्यीय टीम बनाई गई है, जो कि दिसंबर अंत तक रिपोर्ट देगी.

कांग्रेस ने उठाए सवाल

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पूरे मसले पर कांग्रेस पार्टी ने सवाल उठाए हैं. कांग्रेस उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि आज तक सरकार यह नहीं पता कर पाई कि प्रदेश में प्राइवेट और सरकारी मदरसे कितने हैं. ऐसे में हम आगे की कार्यवाही पर क्या भरोसा करें. सरकार के पास  5 साल में मदरसों में पढ़ाई गई शिक्षा का लेखा-जोखा नहीं है.

मदरसा संचालकों के धड़कनें बढ़ी

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उत्तराखंड में अब इस कदम के बाद मदरसा संचालकों की धड़कनें बढ़ने लगी हैं. इससे पहले ड्रेसकोड़,  फिर मदरसों के सर्वें के लिए कमिटी का गठन और इसके अलावा, कुछ ऐसे फैसले है, जो प्रदेश की राजनीति में हलचल ला रहे है. यहां की सियासी आबोहवा में पारा चढ़ा हुआ है.

Tags: Madarsa, Uttrakhand

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