
हाइलाइट्स
टाटा 1एमजी को यह फंडिग 1.25 से 1.30 अरब डॉलर की वैल्यूएशन पर हासिल हुई है.
पिछली फंडरेजिंग की तुलना में कंपनी ने 5 गुना प्रीमियम पर इस बार पूंजी जुटाई है.
फंडिंग राउंड में टाटा 1एमजी की वैल्यू 1.25-1.30 अरब डॉलर आंकी गई है.
नई दिल्ली. टाटा ग्रुप के स्वामित्व वाला ऑनलाइन हेल्थ टेक प्लेटफॉर्म टाटा 1एमजी (Tata 1mg) भी अब यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हो गया है. इस हेल्थ स्टार्टअप ने टाटा डिजिटल (Tata Digital) की अगुआई में 4 करोड़ डॉलर का फंडिंग राउंड पूरा होने के बाद यह उपलब्धि हासिल की है. टाटा 1एमजी को यह फंडिग 1.25 से 1.30 अरब डॉलर की वैल्यूएशन पर हासिल हुई है. 1 अरब डॉलर से ज्यादा के वैल्यूएशन वाले स्टार्टअप को यूनिकॉर्न कहा जाता है.
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय को टाटा 1एमजी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार Tata 1mg के बोर्ड ने 1 रुपये फेस वैल्यू वाले 30,992 इक्विटी शेयर 1,03,046 रुपये प्रति शेयर के प्रीमियम पर अलॉट करने से जुड़ा विशेष प्रस्ताव पारित किया है. इस तरह कंपनी ने 4 करोड़ डॉलर यानी 319.36 करोड़ रुपये जुटाए हैं. हालांकि, इस संबंध में भेजे गए सवालों का जवाब टाटा डिजिटल और टाटा वन एमजी के संस्थापक प्रशांत टंडन ने नहीं दिया है.
5 गुना प्रीमियम पर फंडिंग
मनीकंट्रोल के अनुमान के मुताबिक पिछली फंडरेजिंग की तुलना में कंपनी ने 5 गुना प्रीमियम पर इस बार पूंजी जुटाई है. हालिया फंडिंग राउंड में टाटा 1एमजी की वैल्यू 1.25-1.30 अरब डॉलर आंकी गई है. यह पिछली बार से ज्यादा है. कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय को दी जानकारी के मुताबिक यह फंडिंग राउंड टाटा डिजिटल की अगुआई में हुआ. इसमें केडब्ल्यूई बेतेलिगुंगेन एजी (KWE Beteiligungen AG) एचबीएम हेल्थकेयर इनवेस्टमेंट्स, एमएएफ मॉरिशस, एमपीओएफ मॉरिशस और निवेशकों रूबल जैन और वरदान शर्मा ने 254 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
दबाव में है हेल्थटेक कंपनियां
टाटा 1एमजी ने यह फंडिंग ऐसे दौर में हासिल की है जब हेल्थटेक कंपनियां काफी दबाव में चल रही है. कोरोना महामारी के दौरान इनके बिजनेस में इजाफा हुआ था लेकिन अब कोरोना संबंधी बंदिशें हटने के बाद इनकी डिमांड में काफी कमी आई है. मनीकंट्रोल ने हाल में बताया था कि महामारी से मिले बूस्ट के सुस्त पड़ने से टेली कंसल्टिंग प्लेटफॉर्म, ई-फार्मेसीज और एट-होम डायग्नोस्टिक्स आदि को मांग में काफी कमजोरी आई है.
एमफाइन ने की छंटनी
हेल्थटेक फर्म एमफाइन (firm Mfine) ने मई में 400 कर्मचारियों की छंटनी की थी. यही नहीं अगस्त में टाइगर ग्लोबल के निवेश वाली हेल्थटेक प्लेटफॉर्म फार्मइजी (Pharmeasy) ने अपने आईपीओ लाने की योजना को टाल दिया था और आईपीओ के पेपर वापस ले लिए थे. खबरें आ रही हैं कि कंपनी अब कम वैल्यूएशन पर फंड जुटाने की सोच रही है.
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Tags: Business news in hindi, Indian startups, Tata
FIRST PUBLISHED : September 06, 2022, 19:26 IST
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