
नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर में एक ही मछली ने एक मछुआरे के वारे-न्यारे कर दिए हैं. तेलिया भोला नामक यह विशालकाय मछली शिबाजी कबीर नाम के मछुआरे ने रविवार को पकड़ी थी. दीघा में इस मछली लगी बोली में 55 किलोग्राम वजनी यह मछली 13 लाख रुपये में बिकी. इसी एक विदेशी फर्म ने खरीदा है. इस बेशकीमती मछली से जीवन रक्षक दवाएं बनाई जाती है. इसी कारण यह इतनी महंगी है. आमतौर पर मछलियों की यह प्रजाति गहरे समुद्र में ही पाई जाती है. कभी-कभार ही ये तटों के आसपास आती हैं.
जो मछली रविवार को पकड़ी गई वह मादा थी और गर्भवती थी. इसके अंडों का कही वजन पांच किलोग्राम था. दीघा में इस मछली को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी. इसकी बोली तीन घंटे तक चली थी. यह एक संकर किस्म की मछली थी. यानि इसमें नर और मादा दोनों वाले गुण मौजूद थे. इस साल जनवरी में मछुआरों के जाल में 121 तेलिया भोला मछलियां फंसी थी. लेकिन में से प्रत्येक का वजन 18 किलो ही था.
क्यों हैं इतनी महंगी
दरअसल, तेलिया भोला मछली के इतनी महंगी होने के पीछे सबसे बड़ा कारण है इसका पेट. इसमें बहुत से गुणकारी तत्व पाए जाते हैं. इस मछली की सबसे बड़ी खरीदार दवा कंपनियां हैं. इन मछलियों के पेट में मौजूद वसा से बहुत सी जीवन रक्षक दवाएं बनती हैं. इस मछली की विदेशी बाजारों में भारी मांग है. इसका रंग गोल्डन होता है.
मछली की यह प्रजाति गहरे समुद्र में पाई जाती है. लेकिन प्रजनन काल में यह तटवर्ती इलाकों, पास की नदियों आदि में भी मिलती हैं. इससे छह दिन पहले ही एक नर तेलिया भोला मछली 9 लाख रुपये में बिकी थी. दीघा फिशरमैन एंड फिश ट्रेडर्स एसोसिएशन के सदस्य नबकुमार पायरा का कहना है कि यह मछली बहुत कम जाल में फंसती है.
जनवरी में एक साथ मिली थीं 121 मछलियां
इस साल जनवरी में भी मछुआरों के जाल में 121 ‘तेलिया भोला’ मछलियां फंसी थी. इन मछलियों की कीमत तकरीबन 2 करोड़ रुपये आंकी गई थी. इसमें से हर मछली का वजन 18 किलोग्राम या उससे ज्यादा था. 2021 में साल भी मछुआरों को दीघा तट से 30 तेलिया भोला मछली मिली थी, जो एक करोड़ में नीलाम हुई थी.
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FIRST PUBLISHED : June 27, 2022, 19:24 IST
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