
नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी के पुनर्निमित कर्तव्य पथ पर इस बार की परेड में जहां दर्शकों को उत्तर प्रदेश के अयोध्या के दीपोत्सव की झांकी देखने को मिलेगी, वहीं हरियाणा की झांकी में भगवान कृष्ण के ‘विराट स्वरूप’ को प्रतिम्बित किया जाएगा. इतना ही नहीं, ऐतिहासिक गणतंत्र दिवस परेड में इस बार झारखंड के प्रसिद्ध देवघर मंदिर और जम्मू-कश्मीर की ‘अमरनाथ गुफा’ की झलक देखने को मिल सकेगी.
जम्मू- कश्मीर ने पिछले कुछ वर्षों में पर्यटन में पुनरुत्थान को प्रदर्शित करते हुए अमरनाथ के गुफा मंदिर को ‘नया जम्मू-कश्मीर’ विषय के साथ अपनी झांकी में चित्रित किया है. राष्ट्रीय राजधानी के पुनर्निमित कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड के दौरान असम, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गुजरात, पश्चिम बंगाल और कई अन्य राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की रंगारंग झांकियां दर्शकों का मन मोहेंगी. विभिन्न राज्यों द्वारा इस वर्ष अपनाई गई थीम काफी हद तक सांस्कृतिक विरासत और अन्य विषयों के अलावा ‘नारी शक्ति’ है.
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने रविवार को बताया कि भारत की जीवंत सांस्कृतिक विरासत, आर्थिक और सामाजिक प्रगति को दर्शाने वाली कुल 23 झांकियां 26 जनवरी को औपचारिक परेड का हिस्सा होंगी. इन झांकियों में से 17 विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तथा छह झांकियां विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की होंगी. राज्य के सूचना और जनसंपर्क विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की झांकी में भगवान राम और देवी सीता को वनवास से लौटने पर अयोध्या के लोगों द्वारा स्वागत करते हुए दिखाया गया है.
एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने पहले कहा था कि अयोध्या दीपोत्सव उत्तर प्रदेश का मुख्य विषय है। उत्तर प्रदेश सरकार के एक अधिकारी ने कहा, “झांकी के साइड पैनल अयोध्या में सरयू नदी के तट पर राम की पैड़ी को दर्शाते हैं और एक बड़ा ‘दीपोत्सव द्वार’ बनाया गया है। इसमें महाऋषि वशिष्ठ की मूर्ति भी है.” हरियाणा ने गणतंत्र दिवस की झांकी के लिए भगवद् गीता को अपनी प्रेरणा के रूप में चुना है, जिसमें चार अश्वों द्वारा खींचे जाने वाले रथ का एक विशाल मॉडल इसका मुख्य आकर्षण है.
अधिकारी के अनुसार, ‘झांकी में भगवान कृष्ण को कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान में अर्जुन के सारथी के रूप में सेवा करते हुए और उन्हें उपदेश देते हुए दिखाया गया है. झांकी के सामने के हिस्से में भगवान कृष्ण को उनके ‘विराट स्वरूप’ रूप में दिखाया गया है.’ रक्षा मंत्रालय द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, “ट्रेलर के साइड पैनल महाभारत युद्ध के दृश्य दिखाते हैं.” मंत्रालय ने बताया है कि यदि इन दो झांकी में कालातीत महाकाव्यों से तैयार किए गए विषय की झलक मिलती है, तो पश्चिम बंगाल की झांकी में देवी दुर्गा की पवित्र छवि झलकती है.
पश्चिम बंगाल की झांकी में कोलकाता की दुर्गा पूजा को दर्शाया गया है और यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में इसके शामिल होने का जश्न मनाया गया है. असम की झांकी में पौराणिक अहोम सेनापति लचित बोरफुकन और प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर सहित इसके सांस्कृतिक स्थलों को गर्व से दिखाया गया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि गृह मंत्रालय दो झांकी प्रदर्शित करेगा, जिनमें स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की एक-एक झांकी शामिल होगी.
अधिकारी के अनुसार, कृषि मंत्रालय, जनजातीय मामलों के मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय की एक-एक झांकी कर्तव्य पथ पर दर्शकों को आकर्षित करेगी. आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की झांकी भी कर्तव्य पथ पर नजर आएगी. यह पूछे जाने पर कि क्या रेल मंत्रालय की तरफ से भी कोई झांकी निकाली जाएगी, उन्होंने कहा, “नहीं, इस साल की परेड में रेल मंत्रालय की कोई झांकी नहीं होगी.”
पिछले साल राजपथ का नाम बदलकर ‘कर्तव्य पथ’ किए जाने के बाद इस ऐतिहासिक पथ में आयोजित यह पहला गणतंत्र दिवस समारोह होगा. फुल ड्रेस रिहर्सल परेड सोमवार को होगी. रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने पहले कहा था कि 74वां गणतंत्र दिवस समारोह पुनर्निमित सेंट्रल विस्टा एवेन्यू में होगा और सरकार ने जनता के लिए 32,000 टिकट ऑनलाइन बिक्री के लिए रखे हैं.
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Tags: Ayodhya, Republic day
FIRST PUBLISHED : January 23, 2023, 01:46 IST
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