
लाल चौक की तस्वीर शेयर करते हुए एक स्थानीय युवक ने लिखा, “1990 के बाद पहली बार, कश्मीरी हिंदू नरसंहार के बाद पहली बार, लाल चौक पर दुकानें खुली हैं, कोई हुर्रियत नहीं, कोई कर्फ्यू नहीं, कोई बैंड कॉल नहीं. यही कारण है कि कश्मीरी हिंदू के रूप में, मुझे भरोसा है अपने पीएम पर.”
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