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नई दिल्ली. खरीफ की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर 5 से 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी को कैबिनेट से मंजूरी मिलने की खबर सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि ज्वार, बाजरा, रागी, मूंगफली, तुअर, मूंग, धान, मक्का और सोयाबीन के MSP में बढ़ोतरी होगी.

मनीकंट्रोल ने सूत्रों के हवाले से एक खबर प्रकाशित की है, जिसमें कहा गया है कि कैबिनेट और CCEA की बैठक खत्म हो गई है और इसमें खरीफ की फसलों की MSP में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी गई है. जानकारी के अनुसार, आज शाम 4 बजे कैबिनेट की प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी, जिसमें MSP में बढ़ोतरी पर पूरी जानकारी दी जाएगी.

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किसानों के सामने महंगाई का बड़ा संकट
बता दें कि इस समय पूरे देश में महंगाई की मार है. आज बुधवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी इस बात को स्वीकारा कि रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध ने दुनिया के सामने संकट खड़ा कर दिया है. भारत भी इससे अछूता नहीं है. इसके चलते डिमांड और सप्लाई चेन का बैलेंस बिगड़ गया है.

ऐसे में किसानों के सामने भी महंगे फर्टिलाइज़र्स से लेकर बाकी सामान की दिक्कतें खड़ी हैं. चूंकि भारत एक कृषि प्रधान देश है तो किसानों के हितों को सबसे ऊपर रखा जाना आवश्यक है. ऐसे में देश के किसानों को खरीफ की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य से जहां किसानों की स्थिति ठीक होगी, वहीं भारत में सप्लाई की समस्या का समाधान भी होगा.

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पिछले 3 वर्षों में बहुत कम वृद्धि
रिपोर्ट के अनुसार, किसानों की खेती की बढ़ती लागत और खेती में इस्तेमाल होने वाली मशीनों के दाम बढ़ने की वजह से सरकार ने MSP बढ़ाने का निर्णय लिया है. मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, पिछले 3 वर्षों में MSP में 1 से 5 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है. कहा जा रहा है कि इस बार सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 की खरीफ फसलों की MSP में 5-20 फीसदी की बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है.

सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक, सोयाबीन के साथ-साथ मूंगफली और तिलहन के लिए कृषि लागत और मूल्य आयोग ने इस साल MSP में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी की सिफारिश की है. सरकार का मानना है कि देश में तिलहन उत्पादन बढ़ने से पॉम ऑयल निर्यात को कम करने में सहायता मिलेगी.

Tags: Crop MSP, Kharif crop, MSP

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