
नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच 8वें दौर की वार्ता भी शुक्रवार को बेनतीजा रही। किसानों और सरकार के बीच अब अगले दौर की वार्ता 15 जनवरी को होगी। हालांकि, किसानों और सरकार के बीच गतिरोध अभी भी बरकरार है। राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में बैठक में कोर्ट की तारीख का भी जिक्र किया गया है। बैठक में केन्द्र सरकार की ओर से कहा गया कि कानून वापस नहीं ले सकते क्योंकि काफी किसान इसके पक्ष में हैं। वहीं किसान नेता कानून रद्द करने की मांग को दोहराते रहे।
सरकार ने कानून वापस लेने से किया इनकार
आठवें दौर की बातचीत से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रदर्शनकारी किसानों को दो टूक जवाब देते हुए कहा कि नए कृषि कानूनों को वापस नहीं ले सकते हैं। हां जरूरत पड़ी तो संशोधन जरूर किया जा सकता है। केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान यूनियनों के साथ वार्ता से पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक, बैठक करीब एक घंटा चली। हालांकि इस दौरान किन मुद्दों पर बातचीत हुई, यह पता नहीं चल पाया है।
26 जनवरी को किसान फिर निकालेंगे ट्रैक्टर मार्च
किसानों का कहना है कि अगर उनकी बातें नहीं मानी गईं तो 26 जनवरी को दोबारा ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलवे, वाणिज्य एवं खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री तथा पंजाब से सांसद सोम प्रकाश ने करीब 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ विज्ञान भवन में वार्ता की जो कि बेनतीजा रही। इससे पहले, चार जनवरी को हुई वार्ता बेनतीजा रही थी क्योंकि किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर डटे रहे, वहीं सरकार ‘समस्या’ वाले प्रावधानों या गतिरोध दूर करने के लिए अन्य विकल्पों पर ही बात करना चाहती है।
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