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हाइलाइट्स

सिंगल प्रीमियम पॉलिसी की ओर लोगों का रुझान बढ़ा है.
इसमें आपको बार-बार प्रीमियम भरने के झंझट से छुटकारा मिलता है.
रेगुलर प्रीमियम में आप हर साल टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं.

नई दिल्ली. आजकल लोग नियमित वेतन वाली जॉब की बजाय सीजनल रोजगार या बिजनेस की ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं. ऐसे में उन्हें यह नहीं पता होता कि आगे उनके पास नियमित प्रीमियम भरने लायक पूंजी होगी या नहीं. इसलिए सिंगल प्रीमियम इंश्योरेंस पॉलिसी का चलन काफी बढ़ गया है. कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटी रिसर्च के मुताबिक, पिछले अगस्त से इस जुलाई तक कुल पॉलिसी में से सिंगल प्रीमियम पॉलिसी बढ़कर 79 फीसदी तक पहुंच गई है.

सिंगल प्रीमियम इंश्योरेंस पॉलिसी में आपको समय-समय पर प्रीमियम नहीं भरना पड़ता है. आप एक बार अमाउंट देकर झंझट से छुटकारा पा लेते हैं इसलिए पहली नजर में यह पॉलिसी बेहतर लगती है. आज हम आपको बताएंगे कि इस पर जानकारों की क्या राय है और किसे कौन सी पॉलिसी चुननी चाहिए.

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट
भारती एक्सा लाइफ इंश्योरेंस के नितिन मेहता कहते हैं कि सिंगल प्रीमियम पॉलिसी किसी ग्राहक को एकमुश्त पैसा लगाकर जीवनभर का लाइफ कवर लेने की आजादी देती है. उनका कहना है कि ग्राहक को 10-15 साल के हर साल प्रीमियम देने की चिंता नहीं करनी पड़ती. वहीं, प्रोबस इंश्योरेंस के राकेश गोयल कहते हैं कि सिंगल प्रीमियम में जो एकसाथ पैसा दिया जाता है वह नियमित प्रीमियम वाली पॉलिसी में जमा किए गए कुल पैसे से कम होता है. बकौल गोयल, सिंगल प्रीमियम पॉलिसी महंगाई या मार्केट कंडीशन के हिसाब से बदलती नहीं है.

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कौन सी पॉलिसी आपके लिए सही?
इसके लिए कुछ फैक्टर्स को ध्यान में रखना जरूरी है. राकेश गोयल के अनुसार, सिंगल प्रीमियम पॉलिसी उन लोगों के लिए है जो अपनी अच्छा-खासा पैसा एक बार में लॉक करने और उसके बदले रिटर्न प्राप्त करने के लिए तैयार हैं. वहीं, उनकी राय में रेगुलर प्रीमियम पॉलिसी उन लोगों को लेनी चाहिए जिनके पास एक साथ लगाने के लिए पैसा नहीं है और वह नियमित आय पर निर्भर हैं. वह ये भी कहते हैं कि सिंगल प्रीमियम पॉलिसी की समयावधि रेगुलर प्रीमियम पॉलिसी के मुकाबले कम होती है. नितिन मेहता के अनुसार, यह पॉलिसी अक्सर हाई नेट वर्थ वाले लोगों द्वारा ली जाती है. बकौल मेहता, पॉलिसी लेने से पहले आपके लिए यह भी देखना जरूरी है कि आप जीवन के किस पड़ाव पर हैं.

टैक्स बेनिफिट
आयकर अधिनियम 80सी के तहत एक आयकर दाता इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए भुगतान किए गए वार्षिक प्रीमियम पर 1.50 लाख रुपये तक तक की छूट क्लेम कर सकता है. यह लाभ सिंगल और रेगुलर दोनों ही पॉलिसीधारकों को मिलता है. हालांकि, सिंगल प्रीमियम पॉलिसीधारक इसका लाभ केवल एक बार उठाएगा जबकि रेगुलर प्रीमियम पॉलिसीधारक हर साल इस छूट का लाभ ले सकता है.

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