
हाइलाइट्स
अखंड साम्राज्य योग हर सुख सुविधा, कैरियर, व्यापार क्षेत्र में नई ऊंचाइयां प्रदान करता है.
जिसकी कुंडली में अखंड साम्राज्य योग बनता है उसका भाग्य अत्यंत प्रबल होता है.
Akhand Samrajya Yoga: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मनुष्य की कुंडली में अनेकों योग बनते हैं, जो शुभ-अशुभ और मिश्रित फल देने वाले होते हैं. शुभ योग मनुष्य को हर क्षेत्र में सफलता दिलाने में सहायक होते हैं. वहीं कुछ योग ऐसे भी होते हैं जो व्यक्ति के जीवन में अनेक परेशानियां खड़ी कर देते हैं. जिसकी वजह से इंसान चारों तरफ से घिर जाता है. हमारे द्वारा चलाई जा रही शुभ योग की सीरीज में अभी तक हमें गजकेसरी योग, रुचक योग, भद्र योग, हंस योग, इंद्र योग और शश योग के बारे में जाना.
ज्योतिष और पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा आज की इस कड़ी में हमें अखंड साम्राज्य योग के बारे में बता रहे हैं. कुंडली में यह योग कैसे बनता है और इसके क्या फायदे हैं.
कैसे बनता अखंड साम्राज्य योग
-ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अखंड साम्राज्य योग केवल उन कुंडलियों में बनता है जिनका लग्न स्थिर होता है. जैसे वृषभ, सिंह, वृश्चिक और कुंभ.
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-इसके अलावा जब देव गुरु बृहस्पति दूसरे, 5वें या 11वें घर का स्वामी होता हैं तब भी ये योग बनता है.
-वृषभ लग्न में बृहस्पति ग्यारहवें घर में, सिंह लग्न के लिए पांचवें घर में, वृश्चिक लग्न के लिए दूसरा और पांचवां घर और कुंभ लग्न के लिए दूसरा और ग्यारहवें घर का कारक माना जाता है.
-साथ ही कुंडली के दूसरे, नौवें और ग्यारहवें घर में बृहस्पति मजबूत चंद्रमा के साथ बैठा हो तो अखंड साम्राज्य योग बनता है.
-जब कुंडली के दूसरे, दसवें और ग्यारहवें घर के स्वामी एक साथ केंद्र में स्थित होते हैं तो ये दुर्लभ योग निर्मित होता है.
अखंड साम्राज्य योग के जातक
जिस व्यक्ति की कुंडली में अखंड साम्राज्य योग बनता है उसका भाग्य अत्यंत प्रबल होता है. फिर चाहे उसका जन्म गरीब परिवार में ही क्यों ना हुआ हो. इस योग के जातक अपने जीवन में दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की करते हैं. इस योग का प्रभाव 75 वर्ष तक माना जाता है और इस योग की खास बात यह है यह कुंडली में उपस्थित सभी बुरे योगों को समाप्त कर देता है.
अखंड साम्राज्य योग के फायदे
1. कुंडली में निर्मित इस योग से जातक को जीवन भर धन की कमी नहीं होती. इसके अलावा वह अपने पिता की संपत्ति का इकलौता मालिक बनता है.
2. अखंड साम्राज्य योग हर सुख सुविधा, कैरियर, व्यापार क्षेत्र में नई ऊंचाइयां प्रदान करता है.
3. यदि किसी जातक की कुंडली में पांचवें भाव में अखंड साम्राज्य योग बनता है तो उस व्यक्ति को उच्च शिक्षा और संतान सुख की प्राप्ति होती है.
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4. जिस व्यक्ति की कुंडली में अखंड साम्राज्य योग नवें घर में बनता है तो वह जातक आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त कर सकता है.
5. जिसकी कुंडली के दूसरे घर में अखंड साम्राज्य योग बनता है जो व्यक्ति स्टॉक एक्सचेंज और शेयर बाजार में निवेश कर अच्छा लाभ कमा सकता है.
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Tags: Astrology, Dharma Aastha, Predictions, Religion
FIRST PUBLISHED : July 31, 2022, 13:39 IST
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