e0a495e0a581e0a482e0a4a1e0a4b2e0a580 e0a495e0a587 e0a4b6e0a581e0a4ad e0a4afe0a58be0a497 e0a4ade0a4a6e0a58de0a4b0 e0a4afe0a58be0a497
e0a495e0a581e0a482e0a4a1e0a4b2e0a580 e0a495e0a587 e0a4b6e0a581e0a4ad e0a4afe0a58be0a497 e0a4ade0a4a6e0a58de0a4b0 e0a4afe0a58be0a497 1

हाइलाइट्स

भद्र योग में जन्म लेने वाले जातक स्मार्ट वर्क करने में विश्वास रखते हैं.
भद्र योग में जन्म लेने वाले व्यक्ति काफी सुंदर और आकर्षक होते हैं.

Bhadra Yoga : ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि किसी भी व्यक्ति की कुंडली में पंच महापुरुष योग का बहुत महत्व होता है. जब किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध, मंगल, बृहस्पति, शुक्र और शनि ग्रह केंद्र भावों में अपनी राशियों में उच्च के हो तब यह योग बनता है. जो जातक को हर तरह की सुख सुविधा मुहैया कराने के लिए कारगर सिद्ध होता है. हमारे द्वारा चलाई जा रही सीरीज में अभी तक हमने गजकेसरी योग, रूचक योग और हंस योग के बारे में जाना. इस कड़ी में हमें भोपाल के रहने वाले ज्योतिषी एवं पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा भद्र योग के बारे में बता रहे हैं.

कैसे बनता है कुंडली में भद्र योग

जब कुंडली के पहले, चौथे, सातवें और दसवें भाव में बुध अपनी खुद की राशि मतलब मिथुन या कन्या में होता है, तब भद्र योग का निर्माण होता है. ज्योतिष में बुद्ध गृह को बुद्धि, ज्ञान, शारीरिक फिटनेस, लचीलापन, लेखन क्षमता, प्रबंधन कौशल, गणितीय कौशल, अच्छा स्वास्थ्य, व्यावसायिक कौशल से संबंधित माना जाता है.

यह भी पढ़ें – कुंडली के शुभ योग: गजकेसरी योग बनाता है धनवान, इसके फायदे और मजबूत करने के उपाय

भद्र योग में जन्म लेने वाले जातक

1. भद्र योग में जन्म लेने वाले व्यक्ति कम उम्र में ही व्यवहार कुशल, भाग्यशाली, सुखी होते हैं.
2. भद्र योग में जन्म लेने वाले व्यक्ति काफी सुंदर और आकर्षक होते हैं. यह फुर्तीले, बुद्धिमान और वाणी से मधुर बोलने वाले होते हैं.
3. इस योग में जन्म लेने वाले व्यक्ति अपना कार्य खुद ही करने में विश्वास करते हैं. इनका स्वभाव हंसमुख और मित्रतापूर्ण होता है.
4. इस योग में जन्म लेने से व्यक्ति की सोच सहज और बुद्धि तेज होती है, ऐसे लोग कई क्षेत्रों में अपने कुल का नाम रोशन करते हैं.
5. इस योग में जन्मे व्यक्ति चार्टर्ड अकाउंटेंट, क्लर्क, एडिटर, पब्लिशर, हॉबी क्लास टीचर, प्रोफेशनल स्पीकर, इन्वेस्टमेंट मैनेजर, कैश मैनेजर, अकाउंट्स एग्जिक्यूटिव, राइटर, संगीतकार, गणितज्ञ, ईवेंट मैनेजर बन सकते हैं.
6. ऐसे जातक हार्ड वर्क से ज्यादा स्मार्ट वर्क करने में विश्वास रखते हैं.

READ More...  Aaj Ka Rashifal: श्रावण मास की चतुर्थी पर मकर, कुंभ, मीन राशि वाले किन कामों को करने से करें परहेज, जानें

यह भी पढ़ें – कुंडली के शुभ योग: हंस योग के जातक खाने के शौकीन, दिखने में होते हैं आकर्षक, ऐसा होता है प्रभाव

कब नहीं होता भद्र योग फलदायी

1. किसी भी व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों का शुभ होना शुभ योग बनाता है, इसलिए भद्र योग में बुध का कुंडली में शुभ होना बहुत आवश्यक है. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह अशुभ का हो तो यह कुंडली में दोष पैदा कर सकता है.

2. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह अशुभ प्रभाव दे रहा हो, लेकिन बुध के ऊपर अशुभ ग्रहों का प्रभाव ज्यादा हो तो ऐसे में यह भद्र योग में मिलने वाले फलों को कम कर सकता है.

3. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली के केंद्र में बुध ग्रह के साथ अन्य ग्रह हो जो कुंडली के छठे, आठवें भाव या व्यक्ति की कुंडली के व्यय भाव में हो तो ऐसे में भद्र योग का फल व्यक्ति को नहीं मिल पाता.

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Religion

Article Credite: Original Source(, All rights reserve)