
नई दिल्ली: साल 2010 में मौजूदा कोच राहुल द्रविड़ और मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के साथ खेलने वाले जयदेव उनादकट ने 12 साल बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की. बांग्लादेश के खिलाफ मीरपुर टेस्ट में उनादकट को कुलदीप यादव की जगह मौका दिया गया. कुलदीप इससे पहले खेले गए चटगांव टेस्ट के हीरो थे. उन्हें मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड दिया गया था. उन्होंने कुलदीप की जगह मौका दिए जाने को लेकर चुप्पी तोड़ी. जयदेव उनादकट ने बीते दिनों एक ट्वीट किया था. जिसमें उन्होंने कहा था,‘‘ डियर ‘रेड बॉल’, मुझे एक मौका और दे दो ‘प्लीज. तुम्हें नाज होगा, ये मेरा वादा है.’
उनादकट ने पीटीआई को दिये इंटरव्यू में कहा ,‘‘ हर किसी को लगा कि मैं राष्ट्रीय टीम में वापसी की बात कर रहा हूं . मुझे लाल गेंद से क्रिकेट खेलने की उत्कंठा थी क्योंकि कोरोना के कारण रणजी ट्रॉफी फिर स्थगित हो गई थी.’’
उनादकट ने आखिरी बार 2010 में टेस्ट खेला था जिस टीम में सचिन तेंदुलकर और मौजूदा मुख्य कोच राहुल द्रविड़ भी थे . उन्होंने दूसरा टेस्ट बांग्लादेश के खिलाफ अब खेला चूंकि मोहम्मद शमी पूरी तरह से फिट नहीं थे .
वीजा मिलने में देरी के कारण वह पहला टेस्ट शुरू होने के बाद ही बांग्लादेश पहुंचे लेकिन दूसरे टेस्ट में उन्हें कुलदीप यादव की जगह उतारा गया . पहले टेस्ट में आठ विकेट लेने वाले कुलदीप को बाहर करने से काफी विवाद खड़ा हुआ .
उन्होंने जाकिर हसन के रूप में पहला टेस्ट विकेट लिया . उन्होंने कहा ,‘‘ यह मेरे कैरियर की सबसे सुनहरी यादों में से एक होगा . टेस्ट विकेट लेने की कल्पना मैं हजार बार कर चुका था .’’
यह पूछने पर कि क्या कुलदीप की जगह लेने से कोई दबाव महसूस हुआ, उन्होंने कहा ,‘‘ बिल्कुल नहीं . जब आप अपेक्षा नहीं करते और चीजें हो जाती है तो उन्हें स्वीकार कर लेना चाहिये . मैं सिर्फ अपना योगदान देना चाहता था . घरेलू क्रिकेट खेलने से मुझे काफी फायदा मिला. ’’
(भाषा के इनपुट के साथ)
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Tags: India vs Bangladesh, Jaydev unadkat, Kuldeep Yadav
FIRST PUBLISHED : December 27, 2022, 20:25 IST
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