e0a495e0a589e0a4aee0a4a8e0a4b5e0a587e0a4b2e0a58de0a4a5 e0a497e0a587e0a4aee0a58de0a4b8 e0a4aee0a587e0a482 e0a48fe0a495 e0a4ace0a4be
e0a495e0a589e0a4aee0a4a8e0a4b5e0a587e0a4b2e0a58de0a4a5 e0a497e0a587e0a4aee0a58de0a4b8 e0a4aee0a587e0a482 e0a48fe0a495 e0a4ace0a4be 1

हाइलाइट्स

अश्विनी पोनप्पा ने कॉमनवेल्थ गेम्स में 12 साल पहले महिला डबल्स का गोल्ड जीता था
चौथी बार कॉमनवेल्थ गेम्स में उतरेंगी भारतीय शटलर अश्विनी पोनप्पा
अश्विनी ने पिछले 3 कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला डबल्स में पदक जीते, इस बार मिक्स्ड डबल्स में उतरेंगी

नई दिल्ली. भारतीय महिला शटलर अश्विनी पोनप्पा (Ashwini Ponnappa) कॉमनवेल्थ गेम्स में एक बार फिर से दम दिखाने को तैयार हैं. दिल्ली में 12 साल पहले कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) में महिला डबल्स का गोल्ड जीतने वालीं अश्विनी से बर्मिंघम में काफी उम्मीदें होंगी. अश्विनी के पिता एमए पोनप्पा भारत के लिए हॉकी खेल चुके हैं.

12 साल पहले पदार्पण करते हुए महिला डबल्स में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की युगल विशेषज्ञ अश्विनी पोनप्पा चौथी बार कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लेने की तैयारी कर रही हैं. अश्विनी की जीत की भूख में हालांकि कोई कमी नहीं आई है. उनके स्मैश पहले की तरह दमदार हैं और वह विरोधी खिलाड़ियों की सर्विस और रिटर्न को अब भी काफी अच्छी तरह से भांप लेती हैं.

इसे भी देखें, हमारे मेडलवीर: पिता आर्मी में कर्नल, दादा स्वतंत्रता सेनानी और शूटर बेटे ने कॉमनवेल्थ गेम्स में जमाई धाक

कॉमनवेल्थ गेम्स में 2 स्वर्ण सहित 5 मेडल, वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज जीतने वालीं दो बार की ओलंपियन अश्विनी 28 जुलाई से शुरू हो रहे खेलों में एक बार फिर अपना दम दिखाने को तैयार हैं. कुर्ग की रहने वाली 32 साल की अश्विनी ने पीटीआई से कहा, ‘इन वर्षों में काफी उतार चढ़ाव आए. 10 साल में मैं काफी बदल गई, काफी सुधार किया है. अब मेरे पास काफी अधिक अनुभव है और एक बार फिर कॉमनवेल्थ गेम्स की टीम में जगह बनाकर काफी अच्छा लग रहा है.’

READ More...  IND vs ENG: 4 दिन में दूसरी बार विराट कोहली के बचाव में उतरे रोहित शर्मा, खराब फॉर्म पर बोले- उन्हें किसी आश्वासन की जरूरत नहीं

उन्होंने कहा, ‘इसकी शुरुआत 2010 में हुई थी और यह मेरे लिए काफी नई चीज थी. स्वर्ण पदक जीतना शानदार लम्हा था. इस लम्हे को दोबारा जीना चाहती हूं.’ अश्विनी ने ज्वाला गुट्टा के साथ मिलकर दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को महिला युगल में पहला स्वर्ण पदक दिलाया था. भारतीय टीम ने भी सिल्वर मेडल जीता था. अश्विनी और ज्वाला ने 4 साल बाद रजत जीता.

अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित अश्विनी ने गोल्ड कोस्ट में हुए पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को मिक्स्ड टीम स्वर्ण पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी. उन्होंने कहा, ‘साल 2018 में मैंने और सिक्की ने ब्रॉन्ज हासिल किया लेकिन तब मैंने पहली बार टीम स्वर्ण पदक जीता जो शानदार अहसास था. इस बार चुनौती अलग है. इस बार मैं महिला डबल्स में नहीं बल्कि मिक्स्ड डबल्स में खेल रही हूं जिसके लिए पूरी तरह तैयार हूं.’

पिछले तीन कॉमनवेल्थ गेम्स में अश्विनी ने महिला युगल में पदक जीते हैं लेकिन इस बार वह क्वालिफाई नहीं कर पाईं क्योंकि उनकी महिला जोड़ीदार एन सिक्की रेड्डी को चोट लगने के कारण यह जोड़ी चयन ट्रायल के फाइनल में हार गई. उन्होंने कहा, ‘यह मिला-जुला अहसास था, यह हमारा 16वां मैच था और इसका शरीर और दिमाग पर असर पड़ता है. फाइनल से पहले सिक्की की पेट की मांसपेशियों में चोट थी. कई कारण थे जिससे हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाए. यह निराशाजनक था.’

इसे भी देखें, CWG: भारत के 5 खिलाड़ियों पर सबकी नजर, मेडल जीतने में हैं माहिर

32 साल की इस शटलर ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि सुमित और मैंने सभी मैच जीते. हम एक दिन में 3 मैच खेल रहे थे. मैं भाग्यशाली रही कि मुझे ट्रायल के दौरान चोट नहीं लगी.’ यह पूछने पर कि क्या भारत दोबारा मिक्स्ड टीम गोल्ड जीतने का प्रबल दावेदार है, अश्विनी ने कहा, ‘श्रीकांत, लक्ष्य, पीवी सिंधु और सात्विक-चिराग की मौजूदगी में हमारी टीम मजबूत है. टीम स्पर्धा में कुछ भी हो सकता है. 2018 में हमने ओलंपिक सिल्वर मेडलिस्ट को हराया जबकि श्रीकांत ने लीग चोंग वेई को मात दी. अहम है कि चीजों का हलके में नहीं लिया जाए.’

READ More...  Asia Cup 2022: शाकिब अल हसन 3 साल बाद चुने गए बांग्लादेश T20 टीम के कप्तान, तमीम से उठा BCB का भरोसा

Tags: Badminton, Commonwealth Games, Cwg, Sports news

Article Credite: Original Source(, All rights reserve)