
गरीबी की परिभाषा हर देशों के लिए अलग-अलग है. इसे मापने के लिए कई तरह के फॉर्मूले होते हैं. आमतौर पर गरीबी का अर्थ रोटी, कपड़ा और मकान सहित बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त पैसे न होना है. ग्लोबल गरीबी रेखा को लोगों की किसी चीज को खरीदीने की ताकत से परिभाषित किया गया है. गरीबी एक ऐसी स्थिति है जिसमें किसी व्यक्ति या समुदाय के पास न्यूनतम जीवन स्तर के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधनों और आवश्यक वस्तुओं का अभाव होता है.
गरीबी रेखा का निर्धारण करने और ये गिनने के लिए कि कितने लोग गरीबी में रह रहे हैं, हर राष्ट्र के अपने मानदंड हो सकते हैं. जैसे कि अमेरिका में जिन परिवारों की सालाना आय 26500 डॉलर यानी 21 लाख 60 हजार रुपये से कम है, उन्हें गरीब माना जाता है. दुनिया के कुछ ऐसे देश भी है जो बाहर से तो अमीर दिखते हैं… लेकिन सच्चाई कुछ और है. आइए एक नज़र डालते हैं कि क्वोरा पर लोग इस बारे में क्या कहते हैं. बता दें कि ये एक सवाल-जवाब वाली वेबसाइट है, जहां आम लोग अपने ज्ञान के हिसाब से सवालों के जवाब देते हैं.
क्या दक्षिण कोरिया है गरीब?
त्रान अन्ह चोंग नाम के एक यूजर ने इस कड़ी में दक्षिण कोरिया का जिक्र किया है. उन्होंने क्वोरा पर लिखा है, ‘बहुत सारी विदेशी धारणा है कि दक्षिण कोरिया समग्र रूप से एक समृद्ध, आधुनिक और उच्च तकनीक वाला देश है. लेकिन ऐसा नहीं है. यहां के कुछ ही इलाके अमीर हैं. एक बार जब आप शहर के समृद्ध क्षेत्रों को छोड़ देते हैं, तो आप झुग्गियों में पहुंच जाएंगे. मुझे गलत मत समझिए, हर देश में ये क्षेत्र हैं (यहां तक कि अमीर भी), लेकिन दक्षिण कोरिया के अनुभव के स्तर तक इस तरह की गरीबी ने मुझे झकझोर दिया.’
अमेरिका का लोगों ने लिया नाम
कई यूजर्स ने इस कड़ी में अमेरिका का नाम लिया है. रिया गोइकोएटेक्सिया नाम की एक यूजर ने क्वोरा पर लिखा है, ‘जिस तरह से अमेरिकी शहरों का निर्माण किया गया है, आपको लगातार पैसा खर्च करने की जरूरत है, ऐसा इसलिए है क्योंकि आपको आने-जाने के लिए एक कार की जरूरत होगी. एक कार को बीमा, गैस, रखरखाव की आवश्यकता होती है…. और यदि आप सार्वजनिक परिवहन के करीब रहना चाहते हैं तो यह बहुत महंगा हो सकता है. एक महीने में हजारों किराया देकर एक छोटा सा फ्लैट (ज्यादातर अमेरिकी वास्तव में इसे वहन नहीं कर सकते हैं).’
लिस्ट में यूरोप के भी कई देश
जेन नाम के एक यूजर ने अमेरिका के बारे में लिखा है कि यहां हेल्थ इंश्योरेंस के नाम पर ढाई लाख रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं. 2 कार रखने के लिए 80 हजार रुपये तक देने पड़ते हैं. साथ ही 5 लोगों के परिवार पर खाने का खर्चा हर महीने करीब 80 हजार रुपये तक आता है. कई लोगों ने ब्रिटेन और फ्रांस जैसे यूरोपीय देशों का नाम लिया है.
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FIRST PUBLISHED : December 05, 2022, 12:36 IST
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