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नई दिल्ली. देश में 5जी नेटवर्क (5G Network) आने के बाद रिमोट हेल्थकेयर सिस्टम (Remote Healthcare Sector) को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है. पिछली बार की तरह इस बार भी केंद्रीय बजट (Union Budget) में रिमोट हेल्थकेयर सेक्टर के लिए कई बड़े ऐलान किए जा सकते हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय की सूत्रों की मानें तो मोदी सरकार सुदूर गांव से लेकर शहरों तक ओपीडी सेवा (OPD) के साथ-साथ पैथलेब जांच (Pathlab Testing) की व्यवस्था को और आसान करने जा रही है. आइए जानते हैं इस बार के बजट में मोदी सरकार रिमोट हेल्थकेयर सिस्टम और टेलीमेडिसिन को लेकर किस तरह की घोषणाएं कर सकती है?

बता दें कि कोरोना काल के बाद देश में रिमोट हेल्थकेयर सेक्टर को लेकर काफी उम्मीदें जगी हैं. खासकर बिहार, यूपी, एमपी, राजस्थान, झारखंड सहित देश के तमाम राज्यों में गांव-देहात से इलाज कराने आने वाले मरीजों को अगले कुछ सालों में न अस्पताल जाने की आवश्यकता होगी और न ही इसके लिए किसी खर्च की जरूरत होगी. गांव-देहात के मरीजों को घर पर ही ओपीडी सेवाएं देने की योजना पर काम चल रहा है. हालांकि, बिहार जैसे कुछ राज्यों ने अपने यहां टेलीमेडिसन एप से ओपीडी सेवाएं अभी से ही देनी शुरू कर दी है. डॉक्टर दूर बैठ कर भी अब नॉन क्लीनिकल सेवाएं दे रहे हैं.

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डॉक्टर की प्रतीकात्मक फोटो.

गरीबों को इलाज के लिए अब नहीं जाना पड़ेगा अस्पताल
पिछले दिनों पीएम मोदी ने कहा था, ‘भारत अब हेल्थकेयर सिस्टम में एक होलिस्टिक अप्रेच को अपनाया है. आज हमारा फोकस हेल्थ पर तो है ही साथ ही वेलनेस पर भी उतना ही अधिक है. आने वाला बजट 8 सालों से हेल्थकेयर सिस्टम को रिफॉर्म और ट्रांसफॉर्म करने के हमारे प्रयासों को और विस्तार देगा. इसलिए स्वच्छ भारत अभियान, फिट इंडिया मिशन, पोषण मिशन, मिशन इंद्रधनुष, आयुष्मान भारत और जल जीवन मिशन जैसी स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक लेकर जाना है.

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क्या कहते हैं जानकार
वहीं, जानकार मानते हैं कि कोरोना काल के बाद से भारत में ऐसा हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर बनना शुरू हो गया है, जो सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित ना रह कर दूरदराज के क्षेत्रों में भी समान व्यवस्थाएं विकसित कर देंगी. दवा कारोबार से जुड़े राहुल कुमार कहते हैं, ‘कोरोना काल के बाद देश में क्रिटिकल हेल्थकेयर सुविधाएं ब्लॉक स्तर से लेकर जिला स्तर पर शुरू की जा रही हैं. इस बार के बजट में सरकार को चाहिए कि बेहतर पॉलिसी के साथ-साथ इंप्लीमेंटेशन पर भी फोकस करे. इसके में कोई दो राय नहीं कि कोरोना काल में रिमोट हेल्थकेयर, टेलीमेडिसिन, टेलीकंसल्टेशन लगभग ढाई करोड़ मरीज़ों के लिए समाधान बनकर आया था.’

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5जी नेटवर्क के आने के बाद देश में हेल्थकेयर सेक्टर में बहुत बड़ा बदलाव होने जा रहा है.

कितना बदलाव आएगा रिमोट हेल्थकेयर सेक्टर में
5जी नेटवर्क के आने के बाद देश में हेल्थकेयर सेक्टर में बहुत बड़ा बदलाव होने जा रहा है. खासकर ग्रामीण भारत में हेल्थ एक्सेस डिवाइड को कम करने में ये टेक्नॉलॉजी बहुत काम आने वाली है. देश के हर गांव को फाइबर नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है. आने वाले दिनों में 5G टेक्नॉलॉजी के उपयोग से रिमोट हेल्थकेयर को ज़मीन पर उतारने के लिए प्राइवेट सेक्टर के बीच जबरदस्त मुकाबला देखने को मिल सकता है.

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मोदी सरकार गांवों को आस-पास के शहरों के डिस्पेंसरीज़, आयुष सेंटर और शहरों के बड़े-बड़े प्राइवेट और पब्लिक अस्पतालों से जोड़ कर रिमोट हेल्थकेयर और टेली कंसल्टेशन को और बढ़ावा देने जा रही है. उम्मीद की जा रही है कि बजट के बाद देश में प्राइमरी हेल्थकेयर नेटवर्क को सशक्त करने के लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स के निर्माण का काम में और तेजी आएगी. साथ ही रुटीन चेकअप, वैक्सीनेशन और कई तरह की जांच की सुविधा भी गांव में मिलने लगेंगी.

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