
नई दिल्ली. बीजेपी शासित गुजरात में इस साल के अंत में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में राजनीतिक सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जब इस हफ्ते की शुरुआत में गुजरात के वडोदरा एयरपोर्ट पर पहुंचे तो वहां विचित्र स्थिति देखने को मिली. यहां एक तरफ कुछ युवाओं का समूह ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाता दिखा, वहीं आम आदमी पार्टी समर्थकों ने ‘केजरीवाल-केजरीवाल’ के नारे लगाए.
बाद में केजरीवाल ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा, ‘बीजेपी के बारे में तो स्पष्ट है कि वे लोगों को लाकर मेरे खिलाफ नारे लगवाएं क्योंकि इस बार उन्हें बहुत नुकसान होने वाला है. दिलचस्प बात यह है कि जब राहुल गांधी आए तो उन्होंने उनके (राहुल) खिलाफ नारे नहीं लगाए.’
गुजरात के सियासी अकाड़े से नदारद दिख रही कांग्रेस
गुजरात में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक पर्यवेक्षकों और जमीनी स्तर पर काम करने वाले सर्वेक्षणकर्ताओं का कहना है कि केजरीवाल गुजरात चुनाव को बीजेपी बनाम ‘आप’ के विमर्श में बदलने में कामयाब रहे हैं, क्योंकि प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ‘अधिक सक्रिय’ नजर नहीं आ रही है. हालांकि, उन्होंने इस बात पर संदेह जताया कि केजरीवाल और ‘आप’ इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान इस विमर्श से चुनावी लाभ हासिल करने में कामयाब होंगे.
एक सर्वेक्षण एजेंसी के लिए आंकड़े एकत्र करने वाले सर्वेक्षणकर्ता ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘आम आदमी पार्टी के आक्रामक चुनाव अभियान और कांग्रेस का अब तक अधिक सक्रिय नजर नहीं आना, केजरीवाल के लिए गुजरात चुनाव को बीजेपी बनाम ‘आप’ के विमर्श में बदलने में मददगार साबित हुआ है.’
बीजेपी की ही रणनीति अपना रही AAP
उन्होंने कहा कि ‘आप’ भी वही रणनीति अपना रही है जो बीजेपी चुनाव के दौरान अपनाती है, जिसके तहत प्रतिद्वंद्वियों से तकरार, पलटवार और आक्रामक चुनाव प्रचार अभियान, प्रवक्ताओं और सोशल मीडिया के जरिये मतदाताओं तक वांछित संदेश भेजना शामिल है.
पिछले महीने, ‘आप’ ने अपने चुनाव अभियान को गति देने के लिए 1,100 से अधिक ‘सोशल मीडिया योद्धाओं’ को नियुक्त किया. चुनाव सर्वेक्षण एजेंसी ‘सी-वोटर’ के संस्थापक यशवंत देशमुख ने कहा कि एक तरफ जहां, केजरीवाल ‘कड़ी मेहनत’ कर रहे हैं और उनकी पार्टी गुजरात में ‘आक्रामक रूप से’ प्रचार कर रही है, वहीं, कांग्रेस की प्राथमिकता स्पष्ट नहीं है क्योंकि पार्टी अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में व्यस्त है.
देशमुख ने कहा, ‘वे इतनी बड़ी गतिविधि (यात्रा) में व्यस्त हैं और सबसे महत्वपूर्ण राज्य गुजरात से चूक रहे हैं, जहां वे 27 साल से सत्ता से बाहर हैं और अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं.’
जुलाई के बाद से ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक ने लगभग हर हफ्ते गुजरात का दौरा किया है और वे अपनी पार्टी के प्रचार अभियान का नेतृत्व करने के साथ ही तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं. वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पांच महीने में सिर्फ दो बार गुजरात का दौरा किया है.
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FIRST PUBLISHED : September 26, 2022, 05:45 IST
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