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नई दिल्ली. बैटलफील्ड फाइट लीग के फेदरवेट चैंपियन गुरदर्शन मंगत कई लोगों के लिए एक प्रेरणा बन सकते हैं. पढ़ाई में अच्छे ‘गैरी’ ने अकाउंट्स में करियर बनाने की सोची थी लेकिन इच्छा शक्ति और मेहनत के दम पर वह एमएमए यानी मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स फाइटर बन गए. उनका निकनेम ‘सेंट लॉयन’ (Saint Lion) है. सबसे खास बात है कि गुरदर्शन ने यूट्यूब पर देख-देखकर फाइटिंग करना सीखा और आज वह एक काबिल एमएमए फाइटर हैं.

कनाडा में रहने वाले गुरदर्शन मंगत ने News18 हिंदी  से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा, ‘मैंने यूट्यूब से सीखना शुरू किया था. अपने एक दोस्त के साथ फाइटिंग सीखता, जो खुद अकाउंट्स का छात्र था. मुझे लगता है कि किसी को भी सीखने के लिए शुरुआत करनी होती है और जब भी आपको सोचने के बजाय काम को शुरू करना चाहिए.’ उन्होंने 3 जून, 2022 को योडकाइकेव फेयरटेक्स के खिलाफ अपना आखिरी मुकाबला खेला था और ONE-158 में जीत हासिल की.

पहले कोई अनुभव नहीं था
गुरदर्शन ने बताया कि उन्हें इससे पहले मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स का कोई अनुभव नहीं था. उन्होंने कहा, ‘मेरे पास कोई अनुभव नहीं था. मैं अमेचर करियर केवल 3 महीने की कड़ी मेहनत के बाद ही शुरू कर दिया था. मैं तो पढ़ाई में अच्छा था लेकिन बाद में ना जाने कहां से मुझे फाइटर बनने का विचार आ गया. बस फिर इसी में करियर बनाने का सोच लिया.’

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‘पापा ने बहुत गालियां दीं’
गुरदर्शन ने कहा, ‘मेरे परिवार को भी हैरानी हुई कि मैं कहां पढ़ाई छोड़कर एमएमए सीखने लग गया. मां तो हैरान हुई लेकिन पापा ने शुरुआत में बहुत गालियां दीं. उन्हें समझने में थोड़ा वक्त भी लगा. मैं शुरू-शुरू में जब सीखता था तो काफी चोट लगती थी, नाक टूट गई, बहुत दर्द सहना पड़ा. फिर भी मैंने हार नहीं मानी. धीरे-धीरे परिवार ने भी समझा और आज मुझे उनका पूरा सपोर्ट रहता है.’

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कमजोर समझकर दोस्त भी चिढ़ाते थे
गुरदर्शन का परिवार पंजाब से ताल्लुक रखता है, जो बाद में कनाडा शिफ्ट हो गए थे. उन्होंने कनाडा के एक छोटे शहर से पढ़ाई की. उन्हें बोलने में परेशानी होती थी, थोड़ा हकलाते थे और डरपोक रवैये के लिए लगातार उनके साथी उन्हें तंग किया करते थे. वह आगे की पढ़ाई के लिए वैंकूवर चले गए थे लेकिन बाद में उन्होंने एमएमए में ही करियर बनाया. गैरी अकाउंटिंग में करियर बनाने के लिए वैंकूवर चले गए थे लेकिन शायद ही किसी ने सोचा होगा कि वह अकाउंटेंट के बजाय एमएमए फाइटर बनेंगे.

रिच फैंकलिन को देखकर मिली प्रेरणा
गुरदर्शन ने एक बार मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स के विश्व चैंपियन रिच फ्रैंकलिन को टीवी पर देखा. गैरी को लगा कि उन्हें भी एमएमए सीखना चाहिए. गुरदर्शन की उम्र करीब 20 साल थी और इस तरह की फाइटिंग में उन्हें कोई अनुभव नहीं था. उन्होंने मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग शुरू करने के एक साल के अंदर ही अमेचर मैच खेला. एक सफल अमेचर करियर के बाद, उन्होंने अपना पेशेवर डेब्यू किया और वन चैंपियनशिप में जगह बनाने के लिए जल्दी से 13-2 रिकॉर्ड बनाया.

सिद्धू मूसेवाला को किया याद, पंजाबी गाने भी काफी पसंद
गुरदर्शन भारत से भी काफी प्यार करते हैं. वह पंजाब, मुंबई कई बार आए हैं. उन्होंने इस बीच बताया कि उन्हें पंजाबी गानों का शौक है और वह सिद्धू मूसेवाला, दिलजीत दोसांझ के गानों को काफी पसंद करते हैं. उन्हें सिद्धू की मौत पर दुख भी जाहिर किया. उन्होंने साथ ही टाइगर श्रॉफ के साथ मुलाकात को भी यादगार बताया जो उन्हें एक कार्यक्रम के दौरान मुंबई में मिले थे.

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‘Saint Lion’ का मतलब भी बताया
गुरदर्शन मंगत को ‘Saint Lion’ भी कहा जाता है. उन्होंने इसका मतलब भी बताया. गुरदर्शन ने कहा कि वह फाइट के दौरान जब केज (Cage) में उतरते हैं तो शेर की तरह लड़ते हैं. जब वह केज के बाहर आते हैं तो एक संत की तरह हैं.

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