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हाइलाइट्स

भारत के मुकाबले चीन में तेजी से बढ़ रहे कोरोना केस
विशेषज्ञों ने मिक्स डिजीज रेजिस्टेंस को बताई वजह
चीन में मिलने वाले कोरोना वैक्सीन पर एक्सपर्ट्स ने उठाए सवाल

नई दिल्ली. भारत में कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से अब संक्रमण के सबसे कम केस सामने आ रहे हैं, जबकि चीन में हाल के दिनों में महामारी के रिकॉर्ड संख्या में मामले दर्ज किए गए है. इतना ही नहीं अब एक्सपर्ट्स ने चीन में उपलब्ध कोरोना वैक्सीन के प्रभाव पर भी सवाल उठाया है. विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में कोविड-19 के मामलों की कम संख्या का कारण मिक्स डिजीज रेजिस्टेंस है, लेकिन चीन की आबादी के एक बड़े हिस्से को कोविड टीकाकरण और पूर्व में हुए संक्रमण के बाद भी यह सुरक्षा नहीं मिल सकी, जिससे वहां महामारी के अब अधिक मामले सामने आ रहे हैं.

केंद्र सरकार द्वारा मंगलवार को साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में भारत में कोविड-19 के 165 नए मामले सामने आए और अंडर ट्रीटमेंट मामलों की संख्या घटकर 4,345 रह गई है. भारत में 7 मई 2021 को संक्रमण के दैनिक मामलों की संख्या 4,14,188 के आंकड़े के साथ चरम पर पहुंच गई थी. वहीं दूसरी ओर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, चीन में पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 19,903 मामले सामने आए.

चीन में तेजी से बड़ रहे कोविड संक्रमण के मामले

चीन में संक्रमण के मामलों का मौजूदा आंकड़ा मध्य अप्रैल में दैनिक रूप से सामने आए लगभग एक हजार मामलों के रिकॉर्ड की तुलना में काफी अधिक है. चीन कोरोना महामारी पर नियंत्रण के लिए ‘शून्य कोविड नीति’ के तहत कड़े प्रतिबंध लगाता रहा है, जिनका अब देशभर में बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है और लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

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महामारी की शुरुआत से इसके मामलों की संख्या पर नजर रखते रहे गौतम मेनन ने कहा कि भारत की आबादी टीकाकरण और पूर्व में हुए संक्रमण की वजह से मिली मिक्स डिजीज रेजिस्टेंस की वजह से सुरक्षित है और यह प्रतिरक्षा चीन की आबादी को नहीं मिल पाई है. अशोका विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान एवं जीवविज्ञान विभाग में प्रोफेसर मेनन ने कहा कि तथ्य यह है कि कोरोना वायरस के कई नए स्वरूप भारत में मौजूद हैं, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने या मौत के मामलों में कोई महत्वपूर्ण वृद्धि नहीं हुई है. इससे पता चलता है कि मिक्स डिजीज रेजिस्टेंस के जरिए भारतीय आबादी काफी हद तक सुरक्षित है. चीन जैसे देशों की आबादी को ऐसी प्रतिरक्षा नहीं मिल पाई.

सार्वजनिक स्वास्थ्य और नीति विशेषज्ञ चंद्रकांत लहरिया ने कहा कि भारत और चीन में कोविड-19 के मामलों को लेकर तुलना नहीं की जा सकती. भारत में तीन प्रमुख लहरें आईं, आबादी के बड़े हिस्से को कोविड-19 वैक्सीन की दो खुराक दी गईं, जो अत्यधिक प्रभावशाली थे. इसकी तुलना में, चीन में अब तक कोई बड़ी लहर नहीं थी. उन्होंने कहा कि चीन में उपयोग किए जाने वाले टीकों का प्रभाव कम है. बुजुर्ग आबादी में इसकी कवरेज कम है.

Tags: China, Corona Case, COVID 19

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