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हाइलाइट्स

भारत की मेजबानी में पहली बार चेस ओलंपियाड-2022 का आयोजन
आनंद ने कहा कि हाल के समय में उन्होंने अपनी प्रतिबद्धताओं को कम किया है
विश्वनाथन आनंद बोले- टूर्नामेंट का आयोजन चाहे कहीं भी होता, मैं नहीं खेलता

चेन्नई. भारत के महान शतरंज खिलाड़ी और 5 बार के वर्ल्ड चैंपियन विश्वनाथन आनंद ‘उत्साहित मार्गदर्शक’ बनकर खुश हैं. उन्होंने शतरंज ओलंपियाड (Chess Olympiad-2022) की मेजबानी रूस से लेकर चेन्नई को सौंपने के बावजूद कभी इस टूर्नामेंट में नहीं खेलने के अपने फैसले पर पुनर्विचार के बारे में नहीं सोचा.

52 साल के विश्वनाथन आनंद ने इस बार टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया था और वह 28 जुलाई से 10 अगस्त तक मामल्लापुरम में होने वाले इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में भारतीय टीम का मार्गदर्शन कर रहे हैं. उनसे जब पूछा गया कि क्या उन्होंने ओलंपियाड में नहीं खेलने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के बारे में सोचा तो उन्होंने कहा, ‘नहीं… मैंने ऐसा नहीं किया. टूर्नामेंट का आयोजन चाहे कहीं भी होता, मैं इसमें नहीं खेलता. हाल के समय में मैंने अपनी प्रतिबद्धताओं को कम किया है.’

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उन्होंने कहा, ‘मैं वर्ल्ड चैंपियनशिप चक्र के दौरान क्वालिफाई करने का प्रयास नहीं कर रहा था. मैंने अपना मन बदलने के बारे में नहीं सोचा. भारत के पास अब इतने सारे शानदार युवा खिलाड़ी हैं. फिर हम बार बार वापस आकर क्यों खेलते रहें. मुझे उम्मीद है कि वे काफी अच्छा करेंगे.’

आनंद ने कहा, ‘मैं वहां रहने का प्रयास करूंगा, अगर वे मेरे साथ सलाह मशविरा करना चाहते हैं तो. वैसे भी मैं टीम के कुछ सदस्यों के लगातार संपर्क में हूं. हां, मैं उत्साहित मार्गदर्शक हूं.’ मार्गदर्शक की अपनी भूमिका पर भारत के पहल ग्रैंडमास्टर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि मुख्य चीज यह है कि उन्हें याद दिलाया जाता रहे कि दबाव महसूस मत करो. भारत में खेलना अच्छा है. अपने ऊपर दबाव लेने को कोई मदद नहीं होने वाली.’

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आर प्राज्ञनंदा, डी गुकेश और अर्जुन एरिगेसी जैसे युवाओं को ट्रेनिंग देने वाले आनंद ने कहा कि वह कोचिंग की भूमिका का लुत्फ उठा रहे हैं. आनंद ने कहा कि ओलंपियाड जैसी बड़ी प्रतियोगिता के आयोजन से भारत में शतरंज पर सकारात्मक असर पड़ेगा.

Tags: Chess, Chess Olympiad, Sports news, Viswanathan Anand

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