छपरा13 मिनट पहले
छपरा के कदम चौक पर बिहार के सबसे बड़े हनुमान जी के मूर्ति का निर्माण हो रहा है। इसमें 1.50 करोड़ रुपए अब तक लग चुके हैं। हनुमान जी के मूर्ति का निर्माण विश्व प्रसिद्ध दिल्ली करोलबाग के मूर्तिकारों द्वारा किया जा रहा है। प्रसिद्ध मूर्तिकार सोनू पटेल करोलबाग वाले के नेतृत्व में दर्जनों कारीगरों ने मूर्ति के निर्माण में अपना सहयोग दिया है।
मूर्ति के निर्माणकर्ता रामहरि परिवार के सदस्यों ने बताया कि 2015 में मूर्ति के निर्माण का शिलान्यास हुआ था। तब से लगातार निर्माण कार्य चल रहा है। बीच के दो वर्षों में कोरोना के चलते निर्माण कार्य प्रभावित रहा।
21 फीट का विचार आया, 35 फीट का एग्रीमेंट और बन गई 55 फीट की
मूर्ति के बारे में जानकारी देते हुए रामहरि सदस्यों ने बताया कि मूर्ति के साथ अद्भुत संयोग है। इस भूमि पर कई वर्षों के दशहरा के समय हनुमान जी की अस्थाई मूर्ति बना पूजन होता रहा है। परिवार के सदस्यों के बीच स्थाई मूर्ति बनाने का विचार आया। शुरुआती दिनों में छोटे मूर्ति पर विचार किया गया। लेकिन सभी सदस्यों ने 21 फ़ीट के मूर्ति निर्माण पर सहमति जताई।
इसके लिए दिल्ली करोलबाग के हनुमान जी का मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार से संपर्क किया गया। मूर्तिकार के आग्रह पर 35 फीट के मूर्ति का एग्रीमेंट हुआ लेकिन निर्माण होने के क्रम में मूर्ति का मापने पर 55 फ़ीट हो गया। यह अद्भुत संयोग और हनुमान जी का प्रभाव माना जा रहा है।
विदेश से इम्पोर्टेड पेंट का हो रहा इस्तेमाल
मूर्ति निर्माण के बारे में जानकारी देते हुए निर्माणकर्ता ने बताया की पूरी मूर्ति कंक्रीट और लोहे के सरिया से बन रही है। जमीन के अंदर 40 फीट तक मूर्ति का फाउंडेशन किया गया है। ताकि मूर्ति पर भूकंप और आंधी का प्रभाव न पड़े। तेज गति से हवा और आंधी के लिए मूर्ति से सीने में स्टेचू ऑफ यूनिटी के तर्ज पर क्रॉस वेंटिलेशन (छोटे-छोटे छिद्र) छोड़े गए हैं। ताकि आंधी का मूर्ति पर कोई प्रभाव न हो। धूल, धूप और हवा से रंग को बचाने के लिए मल्टी लेयर कलर कोटिंग टेक्नोलॉजी के साथ विदेश से इम्पोर्टेड पेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है।

स्टेचू ऑफ यूनिटी के तर्ज पर मूर्ति में क्रॉस वेंटिलेशन।
मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा और उद्घाटन के बारे में निर्माणकर्ता ने बताया कि मूर्ति का उद्घाटन उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा होना तय हुआ है। इसके लिए योगी जी से संपर्क किया जा चुका है। आगामी दशहरा तक उद्घाटन का तारीख़ संभावित तौर पर रखी जाएगी। मूर्ति निर्माण का काम अंतिम चरण में है। पेंट और बेसमेंट के बाद उद्घाटन किया जाएगा।
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