
नई दिल्ली: पाकिस्तान का अगला सेना प्रमुख किसे बनना चाहिए, इस पर बहुत हंगामे और विवाद के बाद, लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर को इस पद के लिए नामित किया गया है, जो यकीनन देश में सबसे शक्तिशाली ओहदा है. वह 29 नवंबर को पदभार ग्रहण करेंगे, जब मौजूदा जनरल कमर जावेद बाजवा अपने 6 साल के कार्यकाल के निर्धारित अंत में कार्यालय छोड़ देंगे, जिसमें एक 3 साल का सेवा विस्तार भी शामिल है. लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर वर्तमान में जीएचक्यू में क्वार्टर मास्टर जनरल हैं. उन्हें जनरल बाजवा का करीबी बताया जाता है. एक ब्रिगेडियर के रूप में, वह उस समय फोर्स कमांड नॉर्दर्न एरियाज़ (FCNA) में एक कमांडर थे, जब बाजवा एक्स कॉर्प्स के कमांडर थे.
एफसीएनए एक्स कॉर्प्स की कमान के अंतर्गत आता है. लेफ्टिनेंट जनरल मुनीर ऑफिसर्स ट्रेनिंग स्कूल, मंगला से ग्रेजुएट हैं, और 2 सितारा जनरलों की वर्तमान पीढ़ी में सबसे वरिष्ठ हैं, जो सभी पाकिस्तान सैन्य अकादमी, एबटाबाद के एक ही बैच से हैं. हर लिहाज से मुनीर एक ‘उत्कृष्ट सैन्य अधिकारी’ हैं और हाल ही में पाकिस्तानी सेना की आंतरिक भूमिका के विस्तृत विवरण पर आधारित किताब ‘क्रॉस्ड स्वॉर्ड्स’ (Crossed Swords) के लेखक शुजा नवाज ने उन्हें ‘ए स्ट्रेट एरो’ (A Straight Arrow) बताया था.
आसिम मुनीर पाकिस्तान की ISI के प्रमुख थे
हां, मुनीर ने मिलिट्री इंटेलिजेंस के प्रमुख और आईएसआई के प्रमुख के रूप में काम किया है, जो पाकिस्तानी सेना में एक दुर्लभ संयोजन है. उन्हें 2017 की शुरुआत में पाकिस्तान की सैन्य खुफिया विभाग का महानिदेशक बनाया गया था, और 21 महीने की अवधि के लिए वह इस पद पर रहे. अक्टूबर 2018 में वह आईएसआई के महानिदेशक बने. हालांकि, आईएसआई के निदेशक के रूप में मुनीर का कार्यकाल अब तक का सबसे छोटा कार्यकाल था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के कहने पर कमर जावेद बाजवा ने उन्हें पद से हटा दिया था. कहा जाता है कि मुनीर द्वारा इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी के परिवार के भ्रष्ट आचरण में शामिल होने का मामला कथित तौर पर उनके संज्ञान में लाए जाने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री उनसे नाराज हो गए थे. असीम मुनीर को आईएसआई के महानिदेशक पद से हटाने के बाद, जनरल बाजवा ने मुनीर को कोर कमांडर गुजरांवाला के रूप में तैनात किया, जहां से वह जीएचक्यू, रावलपिंडी में अपनी वर्तमान पोस्टिंग पर चले गए.
पाक सेना प्रमुख के रूप में असीम मुनीर की नियुक्ति से चिढ़ेंगे इमरान खान?
यह एक कारण था कि नए सेना प्रमुख की नियुक्ति इतनी विवादास्पद और राजनीतिक रूप से आरोपित हो गई थी. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, और उनके भाई और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (जो लंदन में स्व-निर्वासन में रह रहे हैं और सरकार के काम पर अक्सर उनसे सलाह ली जाती है) ने घोषणा की थी कि नियुक्ति में वरिष्ठता सिद्धांत का सख्ती से पालन किया जाएगा. इसका मतलब असीम मुनीर से था, क्योंकि वरिष्ठता के लिहाज से उनका ही नंबर आर्मी चीफ बनने के लिए आता. लाहौर से इमरान खान के इस महीने चल रहे लॉन्ग मार्च का मकसद मौजूदा सरकार पर जल्दी चुनाव कराने का दबाव बनाना है. इमरान और उनकी पार्टी पीटीआई को यकीन है कि वे जीत जाएंगे. लेकिन इसका मतलब पाकिस्तानी सेना के एक ‘सर्वसम्मति’ प्रमुख पर सहमत होने के लिए सरकार पर दबाव बनाना भी था.
इमरान खान असीम मुनीर को पाकिस्तानी सेना प्रमुख बनाने से रोक सकते हैं?
वह राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के माध्यम से अंतिम प्रयास कर सकते हैं, जो उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के सदस्य भी रहे हैं. जबकि शहबाज शरीफ कैबिनेट ने असीम मुनीर के नाम को मंजूरी दे दी है, राष्ट्रपति अल्वी को इस पर हस्ताक्षर करना है, जो आमतौर पर एक औपचारिकता है. अगर राष्ट्रपति नए सेना प्रमुख के नियुक्ति पत्र पर अपना हस्ताक्षर टालने का विकल्प चुनते हैं, तो यह 27 नवंबर को मुनीर की सेवानिवृत्ति की तारीख के करीब आ जाएगा, जब लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में उनका चार साल का कार्यकाल समाप्त होने वाला है. सीओएएस बनने से, जिसका कार्यकाल तीन साल का है, मुनीर की सेवा अवधि स्वतः ही बढ़ जाएगी. क्या इमरान खान इस मार्ग पर जाना चाहेंगे, या राष्ट्रपति अल्वी इस महत्वपूर्ण मामले को लेकर विवाद में पड़ना चाहेंगे, यह अनिश्चित है.
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Tags: Pakistan, Pakistan army, Pakistan Army General
FIRST PUBLISHED : November 25, 2022, 10:21 IST
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