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हाइलाइट्स

FY23 की पहली तिमाही के दौरान निर्यात 20.13% बढ़कर 157.44 अरब डॉलर हो गया
जुलाई में आयात सालाना आधार पर 43.61% बढ़कर 66.27 अरब डॉलर रहा
जब कोई देश निर्यात की तुलना में आयात ज्यादा करता है तो उसे व्यापार घाटा कहते हैं

नई दिल्ली. देश का निर्यात (Exports) जुलाई में 2.14 फीसदी बढ़कर 36.27 अरब डॉलर रहा. वहीं कच्चे तेल की कीमतों में 70 फीसदी की वृद्धि के कारण व्यापार घाटा यानी ट्रेड डेफिसिट (Trade Deficit) इसी महीने में लगभग तीन गुना होकर 30 अरब डॉलर पहुंच गया. शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई महीने में आयात सालाना आधार पर 43.61 फीसदी बढ़कर 66.27 अरब डॉलर रहा.

जुलाई 2021 में व्यापार घाटा 10.63 अरब डॉलर था. इस महीने की शुरूआत में जारी प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार जुलाई में निर्यात 0.76 फीसदी घटकर 35.24 अरब डॉलर रहने का अनुमान लगाया गया था. जुलाई 2021 में यह 35.51 अरब डॉलर था.

अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान निर्यात 20.13 फीसदी बढ़ा
वहीं, चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान निर्यात 20.13 फीसदी बढ़कर 157.44 अरब डॉलर हो गया जबकि इन चार महीनों के दौरान आयात 48.12 फीसदी बढ़कर 256.43 अरब डॉलर पर पहुंच गया. इस अवधि के दौरान व्यापार घाटा भी बढ़कर 98.99 अरब डॉलर पर आ गया. एक साल पहले इसी अवधि में यह 42 अरब डॉलर था. हालांकि सोने का आयात 43.6 प्रतिशत घटकर 2.37 अरब डॉलर रहा जो जुलाई 2021 में 4.2 अरब डॉलर था.

वस्तु निर्यात के समक्ष कई चुनौतियां
निर्यात संगठनों के महासंघ यानी फियो (Federation of Indian Export Organisations) के अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने कहा कि निर्यात में संभावित नरमी के संकेत देखे जा सकते हैं. वैश्विक स्तर पर पिछला माल बहुत सारा बचा हुआ है. वस्तु निर्यात के समक्ष कई चुनौतियां हैं.

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उन्होंने कहा, ‘‘कोविड -19 महामारी के बाद अर्थव्यवस्थाओं के खुलने के साथ वस्तुओं से सेवाओं की खपत में फिर से बदलाव आया है. मुद्रास्फीति ने सभी अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित किया है, जो लोगों की खरीद क्षमता कम करती है. इसके कारण कई अर्थव्यवस्थाओं में मंदी की स्थिति बनी रही है जबकि कुछ विकसित अर्थव्यवस्थाएं पहले से ही मंदी की चपेट में हैं.’’

क्या होता है व्यापार घाटा
जब कोई देश निर्यात की तुलना में आयात ज्यादा करता है तो उसे व्यापार घाटा कहते हैं यानी वह देश अपने यहां ग्राहकों की जरूरत को पूरा करने के लिए वस्तुओं और सेवाओं का पर्याप्त प्रोडक्शन नहीं करता है तो उसे दूसरे देशों से आयात करना पड़ता है. इसके विपरीत अगर कोई देश आयात की तुलना में निर्यात ज्यादा करता है तो ट्रेड सरप्लस कहा जाता है.

Tags: Export, Import-Export

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