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हाइलाइट्स

जेल में बंद पूर्व विधायक रमेश कदम ने दायर की थी याचिका.
जेल अधीक्षक ने किया था याचिका का विरोध.
कदम पैसों की हेराफेरी के मामले में 2015 से ठाणे की जेल में बंद हैं.

मुंबई. महाराष्ट्र की एक विशेष अदालत ने कहा है कि जेलों में विचाराधीन कैदियों की भरमार है और कुछ अपवादों को छोड़ दें तो सभी को खाट, गद्दे और तकिये उपलब्ध कराना संभव नहीं है. अदालत ने जेल में बंद पूर्व विधायक रमेश कदम द्वारा इन वस्तुओं की मांग के साथ दायर की गई याचिका को खारिज करते हुए यह बात कही. कदम पैसों की हेराफेरी के मामले में 2015 से ठाणे की जेल में बंद हैं.

उन्होंने खाट, गद्दे और तकिये की मांग करते हुए याचिका दायर की थी और कहा था कि 2018 से उनकी रीढ़ की हड्डी में दर्द है. विशेष न्यायाधीश आर. एन. रोकड़े ने शुक्रवार को कदम की याचिका खारिज कर दी. अदालत के विस्तृत आदेश की प्रति शनिवार को प्राप्त हुई.

कदम ने दावा किया था कि जेल की फर्श पर सोने के कारण उन्हें कंधे, घुटने और गले में दर्द उभर आया है. याचिका में कहा गया कि चोट और दर्द ठीक हो, इसके लिए खाट, गद्दे और तकिये उपलब्ध कराने का निर्देश जेल अधिकारियों को दिया जाना चाहिए.

जेल अधीक्षक द्वारा इसका विरोध किया गया और उन्होंने अदालत को बताया कि जेल नियमावली में आरोपी को ऐसी चीजें मुहैया कराने का प्रावधान नहीं है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि कदम को खाट, गद्दे और तकिये की जरूरत नहीं है.

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रिपोर्ट में कहा गया कि जेल में 17 सामान्य बैरक और 126 अलग कमरे हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि जेल में 1,105 बंदियों को रखने की क्षमता है, लेकिन वर्तमान में 4,553 कैदियों को रखा गया है. इसमें कहा गया कि बंदियों की संख्या बढ़ गई है और हर कैदी की इस प्रकार की मांग को पूरा नहीं किया जा सकता.

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