पटना2 घंटे पहले
गमछा से फेस कवर कर पहचान छिपाने की कोशिश में एडवोकेट नुरुद्दीन जंगी।
48 घंटे की रिमांड के दौरान हुए पूछताछ के बाद सोमवार की शाम पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े मो. जलालुद्दीन और एडवोकेट नुरुद्दीन को कोर्ट में पेशी के बाद ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया गया है। जेल भेजने से पहले भी इन दोनों से लंबी पूछताछ हुई। इसमें NIA की टीम के साथ ही पटना के SSP मानवजीत सिंह ढिल्लों और फुलवारी शरीफ के ASP मनीष कुमार भी थे।
पूछताछ में इन दोनों से काफी सारी जानकारियां मिली हैं। इनके पूरे नेक्सस का पता चल चुका है। जांच एजेंसियों के निशाने पर फरार चल रहे इनके 22 साथी हैं। जिनकी तलाश अब भी जारी है।

यहीं SC-ST थाना में पटना SSP मानवजीत सिंह ढिल्लों और NIA की टीम ने सभी के की पूछताछ।
गाड़ी से उतरने के पहले ही कैमरे पर पड़ी नजर
जेल भेजने से पहले मो. जलालुद्दीन और एडवोकेट नुरुद्दीन जंगी को मेडिकल टेस्ट के लिए SC-ST थाना से ले जाया गया था। फिर कोर्ट ले जाने से पहले वापस लाया गया। इस बीच थाना कैंपस में मोबाइल से वीडियो बनाए जा रहे थे। तभी नुरुद्दीन जंगी की नजर पड़ी। जिसके बाद गाड़ी से उतरने के पहले ही वो चिल्लाने लगा। कैमरा बंद करने के लिए हाथ उठाकर इशारा किया। इसके लिए वो वहीं पर चिल्लाने लगा। फोटो लेने और वीडियो बनाने को विरोध करने लगा।
इसके बाद पुलिस की टीम तेजी से उसे थाना के अंदर लेकर चली गई। इन दोनों से पूछताछ के बाद अलग-अलग टाइम पर पटना के SSP और फुलवारी शरीफ के ASP बाहर निकले। इन दोनों से कार्रवाई को लेकर सवाल पूछे गए, पर आज किसी भी सवाल का जवाब दिए बगैर ही गाड़ी में बैठकर निकल गए।

पूछताछ के बाद सवालों का जवाब दिए बगैर थाने से निकलते SSP ढिल्लों।
NIA कोर्ट में दाखिल हो गई केस की कॉपी
देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में फुलवारी शरीफ में दो अलग-अलग केस दर्ज हुए थे। एक केस PFI का और दूसरा गजवा ए हिन्द का। आतंकी कनेक्शन, इस्लामिक देशों से रुपयों की फंडिंग, मुस्लिम युवाओं को हथियार चलाने की ट्रेनिंग की बात सामने आ चुकी है।
मामला काफी गंभीर और बड़ा बन गया। जिस कारण अब इस केस की जांच की कमान राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA ने अपने हाथों में ले ली है। केस दर्ज कर लिया है और पटना स्थित NIA कोर्ट में केस की कॉपी भी जमा कर दी है। साथ ही पटना पुलिस से केस की कॉपी, इनके तरफ से जुटाए गए सबूत, रिमांड के दौरान हुए पूछताछ में सामने आई असलियत वाले बयान की कॉपी समेत हर चीज अब NIA ले चुकी है। अलग-अलग संगठन की तरह दिख रहे PFI और गजवा ए हिन्द के आपसी कनेक्शन, बिहार में फैले इनके स्लीपर सेल और पूरे नेटवर्क को खंगालने के लिए अब NIA की जांच आगे बढ़ेगी।
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