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रांची. झारखंड में जिस नई उत्पाद नीति पर सवाल उठाए जा रहे थे, आज वही नीति सरकार का खजाना भर रही है. कम से कम मई और जून के रेवेन्यू के आंकड़े तो यही दर्शा रहे हैं कि झारखंड सरकार (Jharkhand Government) की नई शराब नीति (New Excise Policy) शुरुआती दो महीनों में खजाना भरने में सफल रही है. बीते एक मई को राज्य में जब नई उत्पाद नीति लागू हुई थी तब उस पर काफी सवाल खड़े किए गए थे. कहा गया था कि जेएसबीसीएल (JSBCL) के माध्यम से शराब बेचने वाली सरकार 2,300 करोड़ रुपये के लक्ष्य को कैसे पूरा करेगी. लेकिन मई में सरकार ने 188 करोड़ और जून महीने में 180 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया है.

हालांकि इस रिकॉर्ड तोड़ रेवेन्यू के बीच झारखंड शराब खुदरा विक्रेता संघ के सचिव सुबोध कुमार जयसवाल का आरोप है कि सरकार ने इस आंकड़े में अपनी देनदारियों को नहीं दिखाया है. आरोप है कि राज्य भर में 1,500 शराब की दुकानों का किराया और 4,500 कर्मचारियों को दो महीने के वेतन का भुगतान नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि राज्य भर में लगभग 1,500 शराब की दुकानें हैं जिसमें हर दुकान में तीन कर्मचारी काम करते हैं. इस लिहाज से दो महीने के बकाये वेतन भुगतान की बात करें तो यह तकरीबन 10.50 करोड़ रुपया है. जबकि दुकान का किराया भी राज्य भर में लगभग 5.25 करोड़ रुपये बकाया है.

उन्होंने कहा कि शराब पर ड्यूटी की बात करें तो हर बोतल पर अलग-अलग महीने में अलग-अलग ड्यूटी की परसेंटेज है. मई और जून में छह प्रतिशत, जुलाई में सात प्रतिशत और अगस्त से मार्च 2023 तक नौ प्रतिशत की ड्यूटी लगी है. हालांकि इन तमाम आरोपों पर सरकार के रेवेन्यू का आंकड़ा भारी पड़ता नजर आता है।‌.

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वहीं, रांची के सहायक उत्पाद आयुक्त आर.एल रवानी ने कहना है कि सिर्फ रांची जिले में ही मई में 25.68 करोड़ का लक्ष्य था, लेकिन सरकार को 38.91 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है.

बहरहाल रेवेन्यू का आंकड़ा जिस तरीके से रिकॉर्ड तोड़ रहा है उससे अधिकारी भी खासे उत्साहित हैं. जेएसबीसीएल के उत्पाद आयुक्त सह मैनेजिंग डायरेक्टर अमित कुमार ने बताया कि राज्य भर में नई उत्पाद नीति के सकारात्मक परिणाम दिखने शुरू हो गए हैं. नई पॉलिसी बेहतर तरीके से काम कर रही है.

Tags: Jharkhand Government, Jharkhand news, New excise policy

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