
नई दिल्ली. आंखों से जुड़ी समस्या बढ़ती उम्र का एक सामान्य साइड इफ़ेक्ट है, लेकिन, अगर आप डायबिटीज़ से पीड़ित हैं, तो इसे अन्य समस्याओं का भी संकेत माना जा सकता है. डायबिटीज़ की जिन जटिलताओं के बारे में लोगों को कम जानकारी है उनमें से एक है-डायबिटिक रेटिनोपैथी (डीआर). यह, डायबिटीज़ से होने वाले, रेटिना के सभी विकारों के लिए एक संभावित वजह है. डीआर को अनदेखा करने पर, आंखों की रोशनी हमेशा के लिए जा सकती है.
डायबिटिक रेटिनोपैथी को डायग्नोस करना मुश्किल होता है, क्योंकि इससे जुड़े बहुत सारे लक्षण सिर्फ बढ़ती उम्र से संबंधित विकार की तरह महसूस होते हैं. हालांकि, डायबिटीज़ वाले लोगों में विशेष लक्षण दिखते हैं और इससे पीड़ित लोगों की देखभाल करने वालों को इस पर ज़रूर गौर करना चाहिए. अगर आप या आपके प्रियजनों को इस तरह का विकार महसूस होता है, तो डॉक्टर1 को दिखाने में देरी न करें.
एक बार आपका डीआर डायग्नोस हो जाने के बाद, आप इस बीमारी को बढ़ने से रोकने के लिए ज़रूरी कदम उठा सकते हैं. अगर बात पूरे शरीर की करें, तो ऐसे कई सिस्टम हैं जो एक दूसरे पर असर डालते हैं. उदाहरण के लिए, अगर आपकी किडनी में कुछ समस्या होती है, तो आपके रेटिना पर भी इसका असर होता है, भले ही आपको इनके बीच संबंध न दिखे. डीआर पर वर्षों से चल रहे रिसर्च से उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज़ की वजह से होने वाली किडनी की बीमारी, हाई ब्लड शुगर, विटामिन और खनिज की कमी, व्यायाम2 और इस रोग की प्रगति के बीच कई सारे संबंधों का पता चला है.
शुगर के उतार-चढ़ाव को कंट्रोल करना
शुगर के उतार-चढ़ाव को उसी तरह कंट्रोल किया जाता है, जैसे डायबिटीज़ वाले व्यक्ति करते हैं. अच्छी खबर यह है कि इससे डीआर के बढ़ने के जोखिम और इसकी वृद्धि दर को कम करने में मदद मिलती है. HbA1c में 1% की कमी होने पर, डीआर के बढ़ने के जोखिम में 35% की कमी, इस रोग की वृद्धि दर में 15-25% की कमी, विज़न एक्युटी लॉस में 25% की कमी और अंधेपन3 की वृद्धि में 15% की कमी आ सकती है.
एनएचएस यूके का सुझाव है कि शुगर लेवल की जांच दिन में कई बार करें, क्योंकि इसके लेवल में बदलाव हो सकते हैं. अगर आप घर पर अपना ब्लड शुगर लेवल चेक करते हैं, तो यह 4 से 7 mmol/l के बीच होना चाहिए. डायबिटीज़ वाले व्यक्ति के रूप में, आपका HbA1c या औसत ब्लड शुगर लेवल लगभग 6.5%4 या 48 mmol/mol होना चाहिए.
ब्लड प्रेशर कंट्रोल करना
अगर आपको डायबिटीज़ है, तो NHS का सुझाव है कि आपके ब्लड प्रेशर की रीडिंग 140/80mmHg से अधिक नहीं होनी चाहिए. अगर आपको मधुमेह संबंधी जटिलताएं हैं (जैसे कि आंखों की क्षति4), तो यह रीडिंग 130/80mmHg से कम होनी चाहिए. 180/100 mmHg की बीपी वाले मरीज और 150/85 mmHg की बीपी वाले मरीजों की तुलना के आधार पर, दूसरे समूह3 (150/85 mmHg वाले) में डीआर के बढ़ने की दर में 33% की कमी और विज़न लॉस में 50% की कमी देखी गई.
रक्तप्रवाह में लिपिड को कंट्रोल करना
जब हम ‘लिपिड’ की बात करते हैं, तो आम तौर पर उसमें कोलेस्ट्रॉल के स्तर, लिपोप्रोटीन, काइलोमाइक्रोन, वीएलडीएल, एलडीएल3, एपोलिपोप्रोटीन और एचडीएल3 को शामिल करते हैं. एनएचएस के अनुसार, एक स्वस्थ व्यक्ति में कुल कोलेस्ट्रॉल का स्तर 4 mmol/l4 से कम होना चाहिए.
बढ़ा हुआ सीरम लिपिड स्तर, डीआर जटिलता के विशिष्ट जोखिम से जुड़ा होता है. इसे ‘हार्ड एक्सयूडेट्स’ कहा जाता है. उच्च सीरम लिपिड स्तर को कम करने से, डायबिटिक रेटिनोपैथी5 वाले लोगों में हार्ड एक्सयूडेट्स के जोखिम को कम किया जा सकता है. इसलिए, सीरम लिपिड का स्तर उच्च होने पर, आप उचित कार्रवाई करके अपनी आंखों की रोशनी (विज़न) में बदलाव ला सकते हैं.
मोटापा, शारीरिक गतिविधि और डीआर
सभी लोग जानते हैं कि मोटापा और डायबिटीज़ साथ-साथ चल सकते हैं. अब, विज्ञान भी इसका समर्थन करता है. टाइप 2 डायबिटीज़ वाले लोगों पर किए गए एक मेटा विश्लेषण से पता चला है कि मोटापा, डीआर3 को बढ़ाता है.
अच्छी खबर यह है कि शारीरिक गतिविधि बढ़ने से डीआर के बढ़ने का खतरा कम हो जाता है! उच्च स्तर की शारीरिक गतिविधि से न केवल टाइप 2 डायबिटीज़ वाले लोगों में डीआर घटता है, बल्कि हर हफ़्ते3 सिर्फ़ पांच दिन तक 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि करने से डीआर के बढ़ने के जोखिम को 40% तक कम किया जा सकता है.
डीआर के इलाज में मददगार आहार और खाद्य पदार्थ
जो लोग अपने आहार में बदलाव करके डीआर से लड़ना चाहते हैं, उनके लिए कई विकल्प मौजूद हैं. एक ओर जहां हम सभी फलों, सब्जियों, डेयरी, अनाज और अन्य खाद्य समूहों का एक अच्छा मिश्रण पाने की कोशिश करते हैं, वहीं कुछ विशेष आहार के अलावा कई ऐसे खाद्य पदार्थ भी हैं जो डीआर और अन्य पुरानी बीमारियों से लड़ने में ज़्यादा कारगर साबित हुए हैं.
- एक अध्ययन के अनुसार, कम वसा वाले आहार के साथ एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल या नट (बादाम आदि) वाले भूमध्यसागरीय आहार के सेवन से रेटिनोपैथी के जोखिम में 40% से ज़्यादा की कमी लाई जा सकती है!
- सप्ताह में कम से कम दो बार तैलीय मछली के सेवन से, रेटिनोपैथी के जोखिम में लगभग 60% की कमी लाई जा सकती है.
- कई सब्जियों, फलों और बीजों में खनिज, पॉलीफेनॉल और अन्य फाइटोकेमिकल होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव तनाव, सूजन और इंसुलिन के प्रतिरोध को कम करते हैं. वास्तव में, फ्लेवनॉइड से भरपूर फलों और सब्जियों का अधिक सेवन, डायबिटिक रेटिनोपैथी के कम जोखिम से जुड़ा हुआ है.
विटामिन और खनिज की कमी
हम सभी अच्छा खाने की कोशिश करते हैं. खाना पकाने और ऑर्डर करने के दैनिक तनाव के बीच, हमारे शहरों में उपलब्ध खाद्य उत्पाद की गुणवत्ता और कुछ खास तरह के भोजन के प्रति हमारी पसंद और नापसंद के चलते हमारे शरीर में विटामिन और खनिज की कमी हो सकती है. खून की नियमित जांच और डॉक्टर की सलाह से इन कमियों को दूर करने में मदद मिल सकती है. इससे, न केवल आंखों की रोशनी को खोने से रोका जा सकता है, बल्कि शरीर की कई अन्य अंग प्रणालियों की सुरक्षा भी की जा सकती है.
विटामिन बी1 (थियामिन): थियामिन सप्लिमेंट की उच्च खुराक (50-100 मिलीग्राम/दिन) न्यूरोप्रोटेक्शन, डीआर, डायबिटिक नेफ्रोपैथी और प्रभावित-अंग की चोट के उपचार और उसे ठीक करने के लिए सुरक्षित और उपयोगी है.
विटामिन डी: शरीर में विटामिन डी का मानक स्तर बनाए रखना, डीआर के जोखिम और उसकी गंभीरता को कम करने में अहम भूमिका निभाता है. इतना ही नहीं, यह अग्न्याशय के ठीक से काम करने में मदद करने के अलावा एथेरोस्क्लेरोसिस, दिल से जुड़ी बीमारी, टाइप 2 डायबिटीज़ और उच्च रक्तचाप के इलाज में भी मदद करता है.
विटामिन ई: टाइप 1 डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों पर, 10 साल तक किए गए अध्ययन में पता चला है कि सप्लिमेंट के तौर पर विटामिन ई की 1800 IU की दैनिक खुराक से रेटिना में रक्त के प्रवाह में सुधार होता है. यह, डीआर की वजह से बढ़े हुए ऑक्सीडेटिव तनाव को भी कम करता है.
जिंक: जिंक की कमी पुरानी बीमारियों की प्रगति से जुड़ी होती है. जैसे, मेटाबोलिक सिंड्रोम, डायबिटीज़, डायबिटीज़ से जुड़ी सूक्ष्म संवहनी जटिलताओं और डीआर.
दृष्टिहीनता (विज़न लॉस) के खिलाफ सबसे कारगर बचाव: नियमित परीक्षण
बेहतर स्वास्थ्य पाने की दिशा में पहला कदम सटीक डायग्नोसिस के साथ शुरू होता है, खासकर तब, जब बात डायबिटीज़ और डीआर की हो. डायबिटीज़ अक्सर ऐसी कई जटिलताओं का कारण बनता है जिनका इंसुलिन या हाई ब्लड शुगर लेवल से कोई लेना-देना नहीं है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि डायबिटीज़ शरीर में कई अंग प्रणालियों के कामकाज को प्रभावित करता है. इसलिए, उचित कार्रवाई करने का पहला कदम, यह समझना है कि गलत क्या है.
डीआर की बीमारी के बढ़ने के बाद ही इसके लक्षण पकड़ में आते हैं, इसलिए डीआर के लिए एडवांस और नियमित जांच कराना महत्वपूर्ण है. 1980 और 2008 के बीच पूरी दुनिया में किए गए 35 अध्ययनों के विश्लेषण के आधार पर, डायबिटीज़ वाले लोगों में डीआर का समग्र प्रसार 35% होने का अनुमान, रेटिनल इमेज के ज़रिए लगाया गया. इसमें 12%6 हिस्सा आंखों की रोशनी के जोखिम वाले डीआर का था. भारत में, डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों की संख्या 20457 तक बढ़कर, 134 मिलियन होने की संभावना है. अगर ऐसा हुआ, तो डीआर, सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बन जाएगा.
हालांकि, एक बार DR का पता चल जाने के बाद, आप और आपके डॉक्टर इसके इलाज का बेहतर रास्ता निकाल सकते हैं. साथ ही, स्वास्थ्य को मैनेज किया जा सकता है और आंखों की रोशनी को और अधिक नुकसान से बचाया जा सकता है. डीआर का पता लगाने के लिए जागरूकता और नियमित रूप से परीक्षण कराना ज़रूरी है.
उपरोक्त बातों को ध्यान में रखकर, साल 2021 में Network18 ने Novartis के सहयोग से ‘नेत्र सुरक्षा’ – इंडिया अगेंस्ट डायबिटीज पहल शुरू की. पहले सीज़न में, डीआर के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए इस पहल के तहत दवा, नीति निर्माण और थिंक टैंक से जुड़े सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञों को एक साथ लाने का काम किया गया. इस साल, यह पहल देश भर में व्यक्तिगत हेल्थ कैम्प के आयोजन के ज़रिए एक बड़ा काम करने जा रही है.
नेत्र सुरक्षा की वेबसाइट (https://www.news18.com/netrasuraksha/) पर, सीजन 1 के नॉलेज आर्टिकल, एक्सप्लेनर वीडियो और पैनल चर्चा के कॉन्टेंट देखे जा सकते हैं. साथ ही, इस बारे में लेटेस्ट जानकारी भी हासिल की जा सकती है कि हेल्थ कैम्प कब और कहां आयोजित किए जा रहे हैं. डायबिटीज़ से पीड़ित अन्य लोगों तक अपनी बात पहुंचाने और अपनी जानकारी को बढ़ाने के लिए हमारे पार्टनर बनें.
याद रखें, डीआर से होने वाली दृष्टिहीनता को समय रहते रोका जा सकता है. खुद को स्वस्थ रखने के क्रम में, डॉक्टर की सलाह से अपने आहार, व्यायाम के तरीकों और जीवन शैली में बदलाव करें. धीमी गति और बिना रुके दौड़ने वाला ही रेस जीतता है!
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FIRST PUBLISHED : September 13, 2022, 19:09 IST
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