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- Danapur Behavioral Court Said – An Attempt Was Made To Hide The Essential Facts In Karthik’s Bail Application
पटना2 घंटे पहलेलेखक: प्रणय प्रियंवद
अनंत सिंह और कार्तिक कुमार की फाइल फोटो।
अनंत सिंह और उनके सहयोगी पर कानून ने अलग-अलग मामलों में अपना कड़ा तेवर दिखाया है। लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव की पार्टी राजद से जुड़े विधायक अनंत सिंह को 21 जून को एके 47 रखने के मामले में 10 साल की सजा हुई। इसके बाद 21 जुलाई को इंसास राइफल की मैग्जीन और बुलेट प्रूफ जैकेट बरामदगी मामले में अनंत सिंह को 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। इससे अनंत सिंह की विधायकी खत्म हो गई। अब अनंत सिंह के खासमखास और राजद के पटना एमएलसी कार्तिक कुमार उर्फ मास्टर जी की जमानत दानापुर व्यवहार न्यायालय ने खारिज कर दिया है। किसी भी समय उनकी गिरफ्तारी हो सकती है।
इस फैसले से पहले बड़े राजनीतिक घटनाक्रम में कार्तिक कुमार को सरकार ने विधि विभाग से बदलकर गन्ना विभाग कर दिया। लेकिन जब यह लगने लगा कि कार्तिक की जमानत याचिका गुरुवार को रद्द हो सकती है, तो आनन-फानन में बुधवार की रात गन्ना मंत्री के पद से कार्तिक कुमार ने इस्तीफा दे दिया। कुल मिलाकर राजद को तीन माह के अंदर दो बड़े झटके मिले हैं।
कोर्ट ने कहा – जमानत आवेदन में जरूरी तथ्यों को छिपाने का प्रयास
कार्तिक कुमार की जमानत याचिका खारिज करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, तृतीय व्यवहार न्यायालय दानापुर ने कहा है कि ‘आवेदक अभियुक्त ने उच्च न्यायालय के निर्देश का पालन नहीं किया और उच्च न्यायालय के इस निर्देश का उल्लेख वर्तमान जमानत आवेदन में भी नहीं किया। यहां यह तथ्य भी उल्लेखनीय है कि जमानत आवेदन के साथ कांड की प्राथमिकी और आरोप पत्र की प्रति संलग्न की गई है, किन्तु उच्च न्यायालयों के आदेशों की प्रति संलग्न नहीं की गई है और ना ही उनके तथ्यों का उल्लेख जमानत आवेदन में किया गया है
अपर लोक अभियोजक का कथन है कि जमानत आवेदन में आवश्यक तथ्यों को छिपाने का प्रयास किया गया है। मामले में तथ्यों और परिस्थितियों व विशेषकर इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि आवेदक अभियुक्त का अग्रिम जमानत आवेदन गुण-दोष के आधार पर पूर्व में ही उच्च न्यायालय द्वारा अस्वीकृत है। इसलिए यह अग्रिम जमानत आवेदन अस्वीकृत किया जाता है।’
अनंत सिंह ने सजा होने के बाद जज पर लगाए थे गंभीर आरोप
जब अनंत सिंह को एमपी- एमएलए कोर्ट से 10 साल की सजा दी गई थी, तब उन्होंने कहा था कि उन्हें जानबूझ कर फंसाया गया है। सरकार ने साजिश की है। तब अनंत सिंह ने सरकार का पिट्ठू तक कह दिया था। साथ ही यह भी कहा था कि उन्हें न्यायालय पर भरोसा है और वे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे। कार्तिक कुमार की जमानत याचिका रद्द होने के बाद वे भी ऊपरी न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।
14 नवंबर 2014 का है किडनैपिंग से जुड़ा मामला
बता दें कि कांड के सूचक सचिन कुमार के द्वारा बिहटा थाना में दिए गए लिखित आवेदन में किडनैपिंग का मामला दर्ज करिया गया था। ’14 नवंबर 2014 को 12:30 बजे दिन में सूचक सचिन कुमार को टेलीफोन से सूचना मिली कि पांच गाड़ी पर सवार होकर करीब 18 व्यक्ति हरवे-हथियार से लैस होकर आए और उनके चाचा राजीव रंजन सिंह उर्फ राजू सिंह को जबरदस्ती घर से खींचकर गाड़ी में बैठा कर ले कर भाग गए। ग्रामीणों द्वारा विरोध किया गया और एक अन्य गाड़ी को ग्रामीण द्वारा रोक लिया गया तथा उस गाड़ी को अज्ञात राहगीरों ने जला भी दिया।
सूचना पर जब वह अपने घर पहुंचे तो इन तथ्यों की पुष्टि हुई। आवेदन में आगे कहा गया कि इस घटना को मोकामा के विधायक अनंत सिंह और उनके साढू बंटू सिंह व अन्य अज्ञात 16 व्यक्तियों ने मिलकर अंजाम दिया। आवेदन के अनुसार घटना का कारण यह है कि इससे पूर्व उनके द्वारा 10 करोड़ रुपए की रंगदारी की मांग की गई थी, जिसकी प्राथमिकी कृष्णापुरी थाने में दर्ज हुई थी। अनंत सिंह ने बोरिंग रोड स्थित छह कट्ठा जमीन ली थी, जिसका पौने दो करोड़ रुपया बकाया रह गया था। पैसे के लेनदेन को लेकर इस घटना को अंजाम दिया गया है।
इस आवेदन में कार्तिकेय कुमार पर आरोप लगाया गया कि वे पीछे से गाड़ी से छितनावा के पास ओवरटेक करते हुए आए। उन्होंने कहा कि मारने से पहले 24 एएन पथ की भूमि का एग्रीमेंट करवा लीजिए। हमलोग वकील को लेकर पहुंच रहे हैं। छोड़ना नहीं है, मार देना है। जैसे गाड़ी शाहपुर थाना के पास पहुंची तो उसने देखा कि पुलिस वाहन चेकिंग कर रही है। अनंत सिंह बोले कि जो सामने आए, उस पर गाड़ी चढ़ा दो। गाड़ी पुलिस को चकमा देकर तेजी से आगे बढ़ गई।
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