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  • Tejashwi Is A Bigger Target Than Lalu, But Tejashwi Will Give A Job To The Youth And Will Answer The CBI And BJP.

पटनाएक घंटा पहलेलेखक: प्रणय प्रियंवद

तेजस्वी यादव।

रेलवे में नौकरी के बदले जमीन मामले में सीबीआई की दबिश लालू प्रसाद के वैसे करीबियों पर तेज है जो उनकी पार्टी के लिए खास माने जाते हैं। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने गुरुवार को सीबीआई को खूब निशाने पर लिया। काफी नसीहतें दीं। तेजस्वी ने जिस तरह से बिना नाम लिए केन्द्रीय मंत्री नित्यानंद राय को निशाने पर लिया और ठंडा देने की धमकी दी उससे साफ है कि अब यह लड़ाई आर-पार वाली होने वाली है। तेजस्वी सीबीआई को चुनौती और चेतावनी दोनों दे रहे हैं। वे नीतीश कुमार का साथ पाने के बाद भाजपा पर ज्यादा मुखर हैं। अब यह माना जा रहा है कि सीबीआई के निशाने पर लालू प्रसाद से ज्यादा तेजस्वी आने वाले हैं। राजद के प्रदेश कोषाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने भी एक दिन पहले ये बातें कहीं कि अब निशाने पर लालू यादव नहीं तेजस्वी यादव हैं।

छवि खराब करने का आरोप

तेजस्वी ने सीबीआई को चुनौती देते हुए कहा है कि उनलोगों के हाथ कुछ भी नहीं आने वाला है। तेजस्वी ने छवि खराब करने का आरोप भी लगाया। दरअसल सुनील कुमार सिंह, अशफाक करीम, फैयाज अहमद और सुबोध राय के आवास पर उस दिन छापेमारी की गई जिस दिन नीतीश-तेजस्वी की नई सरकार का फ्लोर टेस्ट विधान सभा में था। इससे आशंका यह हुई कि नई सरकार की छवि खराब करने के लिए ही यह सब किया जा रहा है। राजद का आरोप है कि सीबीआई जैसी एजेंसी का राजनीति में इस्तेमाल केन्द्र की भाजपा सरकार कर रही है। भाजपा को बिहार में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने मिलकर सत्ता से बाहर कर विपक्ष में बैठा दिया है।

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ऐसी राजनीति से बिहार का विकास प्रभावित हो रहा- ध्रुव कुमार

राजनीतिक विश्लेषक ध्रुव कुमार कहते हैं कि जो लोग सत्ता में हैं उन्हें राज्य हित में काम करना चाहिए। विपक्ष को जनता के मुद्दे उठाने चाहिए। भ्रष्टाचार के खिलाफ जो एजेंसियां काम कर रही हैं उनको अपना काम करना चाहिए। लेकिन बिहार की राजनीति आरोप-प्रत्यारोप में उलझ रही है। इससे राज्य का विकास प्रभावित हो रहा है। इस तरह की राजनीति से राज्य और देश का भला नहीं हो सकता। राजनीति मुद्दे से भटक रही है।

सीबीआई का जवाब नौकरी से देने की तैयारी

यह बात राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी सरकार बनने से पहले कहते रहे कि नीतीश कुमार भाजपा को छोड़ कर राजद के साथ नहीं आएंगे क्योंकि उन्हें डर है कि भाजपा सीबीआई से कार्रवाई करवा सकती है। अब जब नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने भाजपा को हटाकर अपनी नई सरकार बना ली है तब यह साफ है कि इन दोनों नेताओं ने आर-पार की लड़ाई लड़ने की ठान ली है। भाजपा भी रुकेगी नहीं वह आगे बढ़ेगी ही राजनीतिक रुप से भी और अन्य तरीकों से भी। बिहार में पावर वार तेज है। सीबीआई की कार्रवाई का जवाब तेजस्वी प्रेस कांफ्रेस से तो दे ही रहे हैं युवाओं को नौकरी से भी देंगे। इसकी तैयारी तेज है।

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