
हाइलाइट्स
तुर्की नवीनतम खरीद में अग्रणी भूमिका निभा रहा है.
तुर्की, चीन और भारत में रूसी कच्चे तेल के संयुक्त प्रवाह में लगातार वृद्धि
रूसी क्रूड ले जाने वाले लगभग सभी टैंकर का गंतव्य स्थान यही तीन देश
नई दिल्ली. यूक्रेन पर आक्रमण के बाद कच्चे तेल के निर्यात को बनाए रखने में मॉस्को की मदद करने वाले तीन देश रूसी बैरल के लिए बाजार में वापस आ रहे हैं, जिसमें तुर्की अग्रणी भूमिका निभा रहा है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार हाल के हफ्तों में तुर्की, चीन और भारत को रूसी कच्चे तेल की बिक्री बढ़ी है. रूसी क्रूड ले जाने वाले लगभग सभी टैंकरों का गंतव्य स्थान यही तीन देश होते हैं.
यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों के बीच बाल्टिक बंदरगाहों से चीन और भारत में कच्चे तेल की डिलीवरी के लिए समय समाप्त हो रहा है, यदि टैंकरों को समय सीमा से पहले पूर्वी चीन में डिस्चार्ज टर्मिनलों तक पहुंचना है, तो उन्हें प्रिमोर्स्क या उस्त-लुगा से प्रस्थान करने के लिए लगभग 21 अक्टूबर तक का समय है.
चीन, भारत और तुर्की में रूसी तेल प्रवाह जून में 2.2 मिलियन बैरल प्रतिदिन पहुंच गया था. हालांकि, तुर्की का शिपमेंट अब तक के उच्चतम स्तर तक बढ़ गया है. फिलहाल टैंकरों के गंतव्य तक पहुंचने की मात्रा बहुत बड़ी है. जो एक दिन में 450,000 बैरल से अधिक है. यह तीन देशों में भेजा जाने वाला एक संयुक्त शिपमेंट है. इस बीच, यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों के प्रभावी होने के बाद आपूर्ति में कमी की आशंका के चलते व्यापारिक घरानों और रिफाइनरी में भंडारण टैंक बुक करने के लिए अफरातफरी मची हुई है.
नए आंकड़ों के अनुसार रूसी तेल का कुल निर्यात चार सप्ताह के औसत आधार पर बढ़ा है, जो अगस्त मध्य के बाद उच्चतम स्तर पर चला गया और पांच सप्ताह में पहली बार एक दिन में 3 मिलियन बैरल से अधिक हो गया है. 14 अक्टूबर को सप्ताह में उच्च शिपमेंट दिखाने वाले प्रशांत क्षेत्र में कच्चे तेल का प्रवाह चार सप्ताह के उच्च स्तर 1.04 मिलियन बैरल प्रति दिन तक पहुंच गया था.
हाल ही में ईएसपीओ क्रूड के नौ कार्गो लोड किए गए थे, जिनमें से एक चीन की ओर बढ़ रहा है. दूसरा जहाज भारत जा रहा है. वहीं सखालिन ब्लेंड क्रूड की एक सप्लाई भी चीन जा रही है.
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Tags: China, Crude oil, European union, India, Russia, Turkey
FIRST PUBLISHED : October 19, 2022, 09:43 IST
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