
नई दिल्ली. दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली दंगों के मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी है. न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की दो न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि खालिद की जमानत याचिका में कोई दम नहीं है.
उमर खालिद को 13 सितंबर, 2020 को गिरफ्तार किया गया था और वह कड़े गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोपों का सामना कर रहा है. खालिद, शरजील इमाम और कई अन्य लोगों को दिसंबर 2019 और फरवरी 2020 में दिल्ली के जामिया इलाके और पूर्वोत्तर दिल्ली में विरोध प्रदर्शनों और दंगों के “मास्टरमाइंड” होने के लिए आतंकवाद विरोधी कानून और भारतीय दंड संहिता के तहत उन पर मुकदमा दर्ज किया गया था.
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जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी 2020 में हुए दंगों से संबंधित कथित साजिश के मामले में इस साल मार्च में खालिद को जमानत देने से इनकार कर दिया था. खालिद के खिलाफ दंगों की साजिश रचने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधियां निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 700 से अधिक लोग घायल हो गए थे.
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FIRST PUBLISHED : October 18, 2022, 15:12 IST
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