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नई दिल्ली. दिल्ली की एक अदालत ने 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों से संबंधित एक मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ताहिर हुसैन की जमानत याचिका खारिज कर दी. अदालत ने कहा कि अगर हुसैन को जमानत दी गई, तो इस मामले में उसकी भूमिका के बारे में गवाही देने वाले लोगों को ‘भारी दबाव और धमकी’ का सामना करना पड़ सकता है. हुसैन ने अजय गोस्वामी नामक व्यक्ति की शिकायत पर दर्ज मामले में जमानत के लिए आवेदन किया था.

गोस्वामी को 25 फरवरी, 2020 को करावल नगर मेन रोड पर दंगे से संबंधित एक घटना के दौरान गोली लगी थी. इस मामले में पांच नवंबर को अदालत ने हुसैन और सात अन्य के खिलाफ आरोप तय किए थे. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने बुधवार को पारित एक आदेश में कहा कि आवेदक के खिलाफ आरोप गंभीर हैं. गवाहों को प्रभावित करने और उनके सामने खतरा उत्पन्न होने की भी प्रबल आशंकाएं हैं.’

न्यायाधीश ने कहा, ‘इन सभी तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, मुझे नहीं लगता कि आरोपी के पक्ष में परिस्थितियों में कोई बदलाव हुआ है, जिनके आधार पर इस याचिका को स्वीकार किया जा सके.’ इसके अलावा हाई कोर्ट ने ताहिर हुसैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप तय किये जाने की चुनौती देने वाली उसकी याचिका को खारिज कर दी. न्यायाधीश अनु मल्होत्रा ने कहा कि याचिका और इसके साथ दायर की गई कई अर्जियां खारिज की जाती हैं.

न्यायाधीश ने हुसैन की याचिका पर आदेश 15 नवंबर को सुरक्षित रख लिया था. याचिका में निचली अदालत के तीन नवंबर के आदेश को चुनौती दी गई थी. उस आदेश में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम की धारा तीन और धारा चार के तहत कथित अपराधों को लेकर ताहिर हुसैन के खिलाफ आरोप तय किये गए हैं.

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Tags: Delhi Riot, Tahir hussain

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