
हाइलाइट्स
दिल्ली हाई कोर्ट मंगलवार को फैसला सुनाएगा
दिल्ली दंगों के मामले में हो रही सुनवाई
आरोपी खालिद की जमानत का पुलिस ने किया है विरोध
नई दिल्ली. दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर खालिद की जमानत याचिका पर मंगलवार को फैसला सुनाएगा. खालिद फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की साजिश रचने के आरोप में सख्त गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत दो साल से ज्यादा समय से जेल में बंद हैं. न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर ने नौ सितंबर को खालिद की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
इन दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी और 700 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे. खालिद ने दलील दी है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में उनकी कोई ‘आपराधिक भूमिका’ नहीं है और न ही वह दंगों की कथित साज़िश के अन्य आरोपियों से जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि अभियोजन के पास अपने मामले को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है और फरवरी 2020 का अमरावती में दिया गया उनका भाषण साफ तौर पर अहिंसा का आह्वान करता है और उन्होंने कहीं भी हिंसा का नेतृत्व नहीं किया है.
पुलिस, अर्धसैनिक बलों और गैर मुस्लिम इलाकों में हिंसा की
दिल्ली पुलिस ने खालिद की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उनका भाषण बहुत ही नपा तुला था और उन्होंने अपने भाषण में बाबरी मस्जिद, तीन तलाक, कश्मीर, मुसलमानों का कथित उत्पीड़न, संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) जैसे मुद्दों का जिक्र किया था. दिल्ली पुलिस ने दलील दी है कि दंगे दो चरणों में हुए हैं, पहले 2019 में और फिर फरवरी 2020 में. पुलिस का दावा है कि दंगों के दौरान झूठी जानकारी फैलाई गई, सड़कों को बाधित किया गया, पुलिस और अर्धसैनिक बलों पर हमले किए गए तथा गैर मुस्लिम इलाकों में हिंसा की गई.
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Tags: DELHI HIGH COURT, Delhi riots case, Jnu
FIRST PUBLISHED : October 17, 2022, 22:16 IST
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