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नई दिल्ली. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के मध्य दिल्ली में स्थित आधिकारिक आवास पर शुक्रवार को 14 घंटे तक केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की छापेमारी चली. रात करीब 10.30 बजे सीबीआई के अधिकारी उनके घर से अपने ऑफिस के लिए निकले. सिसोदिया का फोन और लैपटॉप भी जब्त कर लिया गया है. केंद्रीय एजेंसी ने आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के प्रावधानों से संबंधित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत 17 अगस्त को दर्ज अपनी प्राथमिकी में 15 लोगों का नाम लिया है, जिनमें सिसोदिया का नाम सबसे ऊपर है. सिसोदिया के अलावा सीबीआई ने आरोपियों के रूप में तत्कालीन आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण, तत्कालीन उप आबकारी आयुक्त आनंद कुमार तिवारी, सहायक आबकारी आयुक्त पंकज भटनागर, नौ व्यवसायी को नामजद किया है. सिसोदिया के पास आबकारी विभाग की भी जिम्मेदारी है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के माध्यम से उपराज्यपाल वी के सक्सेना के कार्यालय को भेजे गए एक संदर्भ पर प्राथमिकी दर्ज की गई. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि सिसोदिया और अन्य आरोपी लोक सेवकों ने ‘निविदा के बाद लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ देने के इरादे से’ सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना उत्पाद नीति 2021-22 से संबंधित सिफारिश की और निर्णय लिया. सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा कि शुक्रवार को दिल्ली, गुरुग्राम, चंडीगढ़, मुंबई, हैदराबाद, लखनऊ और बेंगलुरु सहित 31 स्थानों पर तलाशी ली गई, जिससे अब तक आपत्तिजनक दस्तावेज, विभिन्न कागजात, डिजिटल रिकॉर्ड आदि बरामद हुए हैं.

हमने कोई गलत काम नहीं किया इसलिए हम डरते नहीं हैं: मनीष सिसोदिया
वहीं, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी को ऊपर से कंट्रोल किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘सीबीआई की टीम ने पूरे घर की तलाशी ली है, मेरा फोन और कंप्यूटर सीज करके ले गए हैं. हमने जांच में पूरा सहयोग दिया है और आगे भी पूरा सहयोग देंगे. हमने कोई गलत काम नहीं किया इसलिए हम डरते नहीं हैं. सीबीआई को ऊपर से कंट्रोल किया जा रहा है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘सीबीआई को ऊपर से कंट्रोल करके दिल्ली सरकार के अच्छे काम को रोकने की कोशिश की जा रही है. हम ईमानदार लोग हैं, हमने कहीं कुछ गलत काम नहीं किया है. केंद्र सरकार जितना सीबीआई का दुरुपयोग करना चाहें कर लें क्योंकि हमने कोई गलत काम नहीं किया है.’

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पूरे घोटाले में लोक सेवकों की भी मिलीभगत
सीबीआई ने कहा कि मनोरंजन और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ‘ओनली मच लाउडर’ के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विजय नायर, पर्नोड रिकार्ड के पूर्व कर्मचारी मनोज राय, ब्रिंडको स्पिरिट्स के मालिक अमनदीप ढल तथा इंडोस्पिरिट्स के मालिक समीर महेंद्रू सक्रिय रूप से पिछले साल नवंबर में लाई गई आबकारी नीति का निर्धारण और क्रियान्वयन में अनियमितताओं में शामिल थे. एजेंसी ने आरोप लगाया कि गुरुग्राम में बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे, सिसोदिया के ‘करीबी सहयोगी’ हैं और आरोपी लोक सेवकों के लिए ‘शराब लाइसेंसधारियों से एकत्र किए गए अनुचित आर्थिक लाभ के प्रबंधन और स्थानांतरण करने में सक्रिय रूप से शामिल थे.’

शराब कारोबारी पोंटी चड्ढा की कंपनी से जुड़े लिंक
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि दिनेश अरोड़ा द्वारा प्रबंधित राधा इंडस्ट्रीज को इंडोस्पिरिट्स के समीर महेंद्रू से एक करोड़ रुपये मिले. सीबीआई ने दावा किया, ‘सूत्र ने आगे खुलासा किया कि अरुण रामचंद्र पिल्लई, विजय नायर के माध्यम से समीर महेंद्रू से आरोपी लोक सेवकों को आगे स्थानांतरित करने के लिए अनुचित धन एकत्र करता था. अर्जुन पांडे नाम के एक व्यक्ति ने विजय नायर की ओर से समीर महेंद्रू से लगभग 2-4 करोड़ रुपये की बड़ी नकद राशि एकत्र की.’ एजेंसी का आरोप है कि सनी मारवाह की महादेव लिकर को योजना के तहत एल-1 लाइसेंस दिया गया था. यह भी आरोप लगाया कि दिवंगत शराब कारोबारी पोंटी चड्ढा की कंपनियों के बोर्ड में शामिल मारवाह आरोपी लोक सेवकों के निकट संपर्क में था और उन्हें नियमित रूप से रिश्वत देता था.

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आबकारी नीति में संशोधन सहित सीबीआई ने लगाए कई आरोप
सीबीआई के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘यह आरोप लगाया गया था कि आबकारी नीति में संशोधन, लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ देने, लाइसेंस शुल्क में छूट/कमी, बिना मंजूरी के एल-1 लाइसेंस के विस्तार में अनियमितताएं की गईं.’ उन्होंने कहा कि यह भी आरोप लगाया गया था कि इन कृत्यों से अवैध लाभ को निजी पक्षों द्वारा संबंधित लोक सेवकों को उनके खातों की पुस्तकों में गलत प्रविष्टियां देकर बदल दिया गया था.

(इनपुट भाषा से भी)

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