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हाइलाइट्स

दिल्ली HC ने सत्येंद्र जैन के खिलाफ बेनामी लेनदेन की करवाई बंद की.
जैन पर कथित बेनामी लेनदेन वर्ष 2011 और 31 मार्च, 2016 के बीच का है.
दिल्ली HC संशोधित बेनामी लेनदेन कानून 2016 के तहत सुनवाई बंद किया है.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप दिल्ली उच्च न्यायालय ने संशोधित बेनामी लेनदेन कानून के तहत सत्येंद्र जैन के खिलाफ कार्यवाही सोमवार को बंद कर दी. न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ ने बेनामी लेनदेन (प्रतिषेध) संशोधन अधिनियम, 2016 के तहत कार्यवही शुरू करने के खिलाफ जैन और अन्य की ओर से दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया.

उच्च न्यायालय ने इसके पहले 20 सितंबर को कहा था कि जैन के खिलाफ संशोधित बेनामी कानून के तहत कोई कार्रवाई (जबरन या अन्य तरह की) नहीं की जाए. अदालत ने रेखांकित किया कि आयकर विभाग ने एक अन्य मामले में बयान दिया था कि यद्यपि वह कानून पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ कानूनी उपचार का रास्ता अख्तियार कर रहा है, लेकिन याचिकाकर्ता पक्ष के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.

अगस्त में उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि बेनामी लेनदेन (प्रतिषेध) संशोधन कानून-2016 इसके अमल में आने के पहले के मामलों में नहीं लागू होगा. शीर्ष अदालत ने कहा कि इसके लागू होने से पहले के लेनदेन के लिए सरकार इस कानून के तहत जब्त करने की कार्यवाही या आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं कर सकती.

जैन के अधिवक्ता ने दावा किया कि उनके मुवक्किल के खिलाफ बेनामी कार्यवाही की प्रकृति ‘सियासी उत्पीड़न’ की थी. जैन के मुताबिक कथित बेनामी लेनदेन वर्ष 2011 और 31 मार्च, 2016 के बीच का है, इसलिए नवंबर, 2016 में लागू संशोधित कानून इस पर लागू नहीं होता.

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Tags: AAP, DELHI HIGH COURT, Satyendra jain, Supreme court of india

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