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नई दिल्ली. देश के 8 प्रमुख कोर सेक्टर्स की वृद्धि दर अक्टूबर महीने में सुस्त पड़कर 0.1 प्रतिशत रही है जो 20 महीने का निचला स्तर है. इसका कारण कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पादों और सीमेंट के उत्पादन में कमी आना है. बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, एक साल पहले इसी महीने में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत थी. वहीं पिछले महीने सितंबर में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रही थी.

इससे पहले, फरवरी 2021 में आठ बुनियादी उद्योगों…कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पादों, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली…की वृद्धि दर में 3.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी.

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जानिए कहां आई कितनी गिरावट
बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अक्टूबर के दौरान 8.2 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी अवधि में 15.6 प्रतिशत थी. आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर महीने में कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद और सीमेंट क्षेत्र के उत्पादन में गिरावट आई. हालांकि समीक्षाधीन महीने में उर्वरक उत्पादन 5.4 फीसदी बढ़ गया.

कोयला, इस्पात और बिजली उत्पादन में वृद्धि दर घटकर क्रमश: 3.6 फीसदी, 4.0 फीसदी और 0.4 फीसदी रही. इन आंकड़ों का असर औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) पर पड़ता है. अक्टूबर महीने के लिए आईआईपी के आंकड़े सरकार दिसंबर के दूसरे हफ्ते में जारी कर सकती है. आईआईपी में आठ उद्योगों की हिस्सेदारी 40.27 फीसदी है.

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GDP दूसरी तिमाही में 6.3%
देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 6.3 प्रतिशत रही. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार जीडीपी वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की जुलाई-सितंबर तिमाही में 8.4 प्रतिशत रही थी. जीडीपी से आशय देश की भौगोलिक सीमा में एक निश्चित समय अवधि में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य से है.

विश्लेषकों का अनुमान था कि दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर अप्रैल-जून तिमाही के 13.5 प्रतिशत के मुकाबले आधी रहेगी. रेटिंग एजेंसी इक्रा ने जुलाई-सितंबर 2022 तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था जबकि भारतीय स्टेट बैंक की रिपोर्ट में इसके 5.8 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी.

Tags: Business news in hindi, GDP, GDP growth

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