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नई दिल्ली: सरकार ने सोमवार को कहा कि वर्ष 2014 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जब केंद्र की सत्ता में आई थी तब उस समय देश में कुल 74 हवाई अड्डे परिचालनरत थे जबकि आज यह संख्या बढ़कर 142 हो गई है और अगले पांच वर्ष में उसकी योजना 220 हवाई अड्डे विकसित करने की है.

नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 तक देश में 74 हवाई अड्डे कार्यशील थे जबकि वर्तमान में आठ हेलीपोर्ट तथा दो वाटर एयरोड्रोम सहित 142 हवाई अड्डे कार्यशील हैं.

हवाई अड्डो की क्षमता को बढ़ाना एक सतत प्रक्रिया है
सिंधिया ने कहा कि हवाईअड्डा क्षमता को बढ़ाना एक सतत प्रक्रिया है और यह कार्य समय-समय पर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण तथा अन्य संबंधित हवाई अड्डा प्रचालकों द्वारा भूमि की उपलब्धता, वाणिज्य व्यवहार्यता, सामाजिक आर्थिक विचारण, यातायात मांग इत्यादि के आधार पर किया जाता है.

उन्होंने कहा, ‘‘आगामी 5 वर्ष में सरकार की 220 हवाई अड्डा, हेलीपोर्ट और वाटर एयरोड्रोम को विकसित/क्रियाशील करने की योजना है.’’ सिंधिया ने कहा कि विमानों के बेड़े में वर्ष 2014 से पहले 410 विमान थे जबकि 25 जुलाई 2022 की स्थिति के अनुसार यह संख्या 686 है.

बेड़े की संख्या में 10 से 12 प्रतिशत बढ़ोतरी की संभावना
उन्होंने कहा कि किसी विमान के बेड़े की संख्या में बढ़ोतरी एक व्यावसायिक निर्णय है तथा इसके लिए प्रत्येक एयरलाइन, वाणिज्य व्यवहार्यता, परिवहन मांग तथा इसकी व्यवसायिक योजना को ध्यान में रखते हुए नए विमान को अपने बेड़े में शामिल करने का निर्णय लेती है.

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उन्होंने कहा, ‘‘आगामी वर्षों में विमान के बेड़ों की संख्या में 10 से 12 प्रतिशत बढ़ोतरी होने की संभावना है. विमान के बेड़े की संख्या में बढ़ोतरी एक सतत प्रक्रिया है तथा विमानन क्षेत्र की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए एयरलाइंस समुचित निर्णय लेती हैं.’’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के अनुसार जून 2014 में देश में 40 उड़ान प्रशिक्षण संगठन (एफटीओ) थे.

उन्होंने कहा कि वर्ष 2015-16 में डीजीसीए ने सभी उड़ान प्रशिक्षण संगठनों की एक व्यापक समीक्षा की, जिसके फलस्वरूप कई ऐसे एफटीओ को बंद करना पड़ा जो या तो प्रचालन में नहीं थे या फिर विनिर्दिष्ट अपेक्षाओं को पूरा नहीं करते थे.

2022 को एफटीओ की संख्या बढ़कर 34 हो गई
सिंधिया ने बताया कि इस वजह से जून, 2016 में इनकी संख्या घटकर 29 हो गई. उन्होंने कहा, ‘‘31 मार्च, 2022 को एफटीओ की संख्या बढ़कर 34 हो गई है. दिसंबर 2023 तक 15 और एफटीओ को जोड़े जाने की संभावना है, जिससे भारत में एफटीओ की कुल संख्या 49 हो जाएगी.’’

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वर्ष 2014 से पहले डीजीसीए द्वारा समेकित रूप से जारी किए गए पायलट लाइसेंसों की संख्या 28,599 थी तथा आज की तिथि में यह संख्या 40,276 है.

उन्होंने कहा, ‘‘2025 तक पायलटों की मांग, यात्रियों की संख्या तथा एयरलाइनों द्वारा विमान के बेड़े के विस्तार पर निर्भर करती है. बेड़े के पूर्वानुमान को देखते हुए भारत को अगले पांच वर्षों में प्रतिवर्ष लगभग 1,000 पायलट की आवश्यकता हो सकती है.’’

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