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हाइलाइट्स

कहा जा रहा है कि रूस आने वाले समय में चीन पर एटमी हमला कर देगा
आखिर ऐसा क्या कारण है कि रूस अपने मित्र ड्रैगन पर हमला कर सकता है
सबसे बड़ा सवाल है कि रूस और चीन के बीच एटमी जंग क्यों होगी?

नई दिल्ली. जिस तरह से रूस ने यूक्रेन पर हमला किया है, ठीक उसी तरह चीन भी ताइवान पर हमला कर सकता है. इस तरह की अटकलें काफी समय से लगाई जा रही है. लेकिन इस समय सबसे बड़ी खबर ये सामने आ रही है कि रूस आने वाले समय में चीन पर एटमी हमला कर देगा. आखिर ऐसा क्या कारण है कि रूस अपने मित्र ड्रैगन पर हमला कर सकता है. रूस ने ताइवान को चीन के हिस्से के रूप में मान्यता दी है. वह ताइवान पर किसी भी सैनिक हमले को जायज मानता है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि रूस और चीन के बीच एटमी जंग क्यों होगी?

ब्रिटेन के अखबार एक्सप्रेस के मुताबिक दोनों देशों के बीच लंबे समय से साइबेरिया की सीमाओं को लेकर विवाद चल रहा है. अगर आज चीन साइबेरिया पर हमला करेगा तो रूस के सामने केवल परमाणु हमले के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा. पूर्व राजनयिक और अमेरिका के न्यू इंग्लैंड कॉलेज के जीन डॉ. जान कैलहन के मुताबिक अगर चीन ने आज साइबेरिया पर हमला कर दिया तो रूस के पास केवल एटमी हमले का विकल्प ही बचेगा.

रूस और चीन के बीच साइबेरिया को लेकर संघर्ष की कड़वी यादें भी हैं. 1968 में देमेंस्की द्वीप को लेकर दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष भी हो चुका है. बताया जाता है कि चीन ने ये संघर्ष तब रोका था, जब रूस ने एटमी हमले की धमकी दी थी. बहरहाल दोनों देशों ने साल 2000 में 4000 किमी. के सीमा विवाद को सुलझा लिया है. जिस देमेंस्की द्वीप के लिए दोनों के बीच झड़प हुई थी, वो अभी चीन के पास है. मगर साइबेरिया का सीमा विवाद उभर गया तो वह एटमी जंग कराकर ही खत्म होगा.

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अगर एटमी जंग हुई तो 2 करोड़ लोगों से ज्यादा की मौत हो जाएगी. दुनिया के करीब 2 अरब लोगों को भुखमरी का सामना करना होगा. धरती के ऊपर की आधी ओजोन परत खत्म हो जाएगी. काले धुएं के कारण सूरज की रोशनी धरती तक नहीं पहुंचेगी. जिससे मानसून पर खराब असर होगा. बताया जा रहा है कि रूस के पास 6500 एटम बम है. जबकि चीन के पास के केवल 290 एटम बम हैं. साल 2030 तक चीन की मंशा 1000 एटम बम बनाने की कोशिश करने की है. इस तरह देखा जाए तो चीन ने भले ही हर मामले में कितनी भी सेना जुटा ली हो लेकिन एटमी ताकत के मामले में रूस और अमेरिका से बहुत पीछे है.

Tags: China, Russia, Vladimir Putin

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